बहुविकल्पीय प्रश्न
(क) राजा साहब सरदार सुजानसिंह को सेवामुक्त करने के पक्ष में नहीं थे क्योंकि-
(i) सरदार सुजानसिंह वृद्ध हो गए थे।
(ii) सरदार सुजानसिंह अनुभवशील और नीतिकुशल दीवान थे।
(iii) देवगढ़ के लोग उनका सम्मान करते थे।
(iv) वे राजा साहब के विश्वासपात्र थे।
उत्तर- (ii) सरदार सुजानसिंह अनुभवशील और नीतिकुशल दीवान थे।
(ख) विज्ञापन ने सारे मुल्क में हलचल क्योंकि-
(i) सभी धर्मों के लोग इस पद के प्रत्याशी बन सकते थे।
(ii) उम्मीदवारों के लिए अच्छा खिलाड़ी होना अनिवार्य था।
(iii) इस ऊँचे पद के लिए सनद का कोई विशेष बंधन नहीं था।
(iv) एक महीने तक उम्मीदवारों के आदर-सत्कार के प्रबंध का भार देवगढ़ की रियासत पर था।
उत्तर- (iii) इस ऊँचे पद के लिए सनद का कोई विशेष बंधन नहीं था।
(ग) अनाज से लदी बैलगाड़ी को नाले से बाहर निकालने में किसान की मदद की-
(i) हॉकी खेलने वाले खिलाड़ियों ने
(ii) गाँववालों ने
(iii) रियासत के अन्य कर्मचारियों ने
(iv) पंडित जानकीनाथ
उत्तर- (iv) पंडित जानकीनाथ
प्रश्न-उत्तर (मौखिक)
1. सरदार सुजानसिंह किस रियासत के दीवान थे?
उत्तर- सरदार सुजानसिंह देवगढ़ रियासत के दीवान थे।
2. सरदार सुजानसिंह सेवानिवृत्त क्यों हो गए थे, कर
उत्तर- सरदार सुजानसिंह अब बूढ़े हो गए थे और उनमें राज-काज सँभालने की शक्ति नहीं रह गई थी इसलिए वे सेवा निवृत्त होना चाहते थे।
3. देवगढ़ में सभी उम्मीदवारों के आचार व्यवहार पर कितने दिनों तक निगरानी रखी गई ?
उत्तर- देवगढ़ में सभी उम्मीदवारों के आचार-व्यवहार पर एक महीने तक निगरानी रखी गई।
4. नए फैशन वाले उम्मीदवारों ने देवगढ़ में किस खेल का आयोजन किया?
उत्तर- नए फैशन वाले उम्मीदवारों ने देवगढ़ में हॉकी के खेल का आयोजन किया।
5. अनाज से भरी बैलगाड़ी हाँकने वाला बूढ़ा किसान कौन था?
उत्तर- अनाज से भरी बैलगाड़ी हाँकने वाला बूढ़ा किसान दीवान सुजानसिंह ही थे।
प्रश्न-उत्तर (लघु)
1. देश के प्रसिद्ध समाचार-पत्रों में विज्ञापन किसने निकलवाया था और क्यों?
उत्तर- देश के प्रसिद्ध समाचार-पत्रों में विज्ञापन देवगढ़ रियासत के दीवान सरदार सुजानसिंह ने निकलवाय था, क्योंकि रियासत को एक सुयोग्य दीवान की आवश्यकता थी।
2. लोग देवगढ़ में रियासत के दीवान पद को प्राप्त करना भाग्य का खेल क्यों समझ रहे थे ?
उत्तर- लोग रियासत देवगढ़ के दीवान पद को प्राप्त करना भाग्य का खेल इसलिए समझ रहे थे, क्योंकि इसमें सनद का कोई बंधन न था. केवल रहन-सहन एवं आचार-व्यवहार को ही परख होनी थी।
3. उम्मीदवार दिखावा क्यों कर रहे थे?
उत्तर- उम्मीदवार दिखावा इसलिए कर रहे थे, क्योंकि विज्ञापन में लिखी शर्त के मुताबिक सरदार सुजानसिंह को तो उम्मीदवार के रहन-सहन एवं आचार-व्यवहार को ही परखना था।
4. हॉकी के खेल में हार-जीत का निर्णय क्यों न हो सका?
उत्तर- हॉकी के खेल में हार-जीत का निर्णय इसलिए न हो सका, क्योंकि दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर भारी पड़ रहे थे। शाम तक खेलते-खेलते सभी खिलाड़ी बेदम हो चुके थे और अँधेरा भी होने लगा था।
5. 'खिलाड़ियों ने किसान की ओर देखा, मगर बंद आँखों से।' कथन का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- इस कथन का अभिप्राय यह है कि खिलाड़ियों ने बैलगाड़ी में बैठे किसान की तरफ देखा तो अवश्य था, परंतु उनके मन में उस किसान के प्रति सहानुभूति, दया, परोपकार आदि की भावना नहीं थी।
दीर्घ उत्तरीय-
1. सरदार सुजानसिंह ने राजा साहब से क्या प्रार्थना की?
उत्तर- सरदार सुजानसिंह ने राजा साहब से अपनी सेवा-निवृत्ति की प्रार्थना की, क्योंकि वे अब शारीरिक रूप से अशक्त हो चुके थे। वे नहीं चाहते थे कि उनसे कोई भूल चूक हो जाए और उनकी नेयानामी मिट्टी में मिल जाए। वे अब अपना शेष जीवन प्रभु भक्ति में लगाना चाहते थे।
2. विज्ञापन ने सारे मुल्क में हलचल क्यों मचा दी ?
उत्तर- विज्ञापन ने सारे मुल्क में हलचल इसलिए मचा दी. क्योंकि रियासत के दीवान पद पर नियुक्ति पाने के लिए किसी भी सनद को जरूरत नहीं थी। केवल रहन-सहन एवं आचार-विचार की ही परख होनी थी। इस पद हेतु सभी आयु के उम्मीदवार आवेदन कर सकते थे, बस उनका स्वस्थ होना आवश्यक था।
3. 'मनुष्यों का वह बूढ़ा जौहरी आड़ में बैठा देख रहा था कि इन बगुलों में हंस कहाँ छिपा है ?"
(i) बूढ़ा जौहरी और बगुला किसे कहा गया है?
(ii) सच्चे उम्मीदवार को ढूँढने के लिए बूढ़े जौहरी ने क्या योजना बनाई ?
उत्तर- (i) 'बूढ़ा जीहरी'- दीवान सरदार सुजानसिंह को और 'बगुला' दीवान पद के लिए आए सभी उम्मीदवारों के लिए कहा गया है।
(ii) सच्चे उम्मीदवार को ढूँढने के लिए बूढ़े जौहरी ने किसान का रूप धारण करके अनाज से लदी बैलगाड़ी को कीचड़ से भरे नाले में फंसा देने की योजना बनाई, ताकि पता लगाया जा सके कि किसके अंदर दया, सहानुभूति एवं परोपकार जैसे गुण छिपे हैं तथा कौन जनसाधारण की सहायता के लिए हर समय तत्पर रह सकता है।
4. 'गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है।'
(i)यह वाक्य किसने किससे कहा?
(ii) इस वाक्य में निहित अभिप्राय को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- (i) यह वाक्य किसान के रूप में सरदार सुजानसिंह ने पंडित जानकी नाथ से कहा।
(ii) इस वाक्य से सरदार सुजानसिंह पंडित जानकी नाथ को बताना चाहते थे कि गहरे पानी में बैठने से अर्थात् गहराई से परखने पर हो मोती जैसा उच्च कोटि के व्यक्तित्व वाला उम्मीदवार मिल सकता है, जो दीवान पद के सर्वथा योग्य हो।
5. "रियासत के सौभाग्य से हमको ऐसा पुरुष मिल गया है।" सरदार सुजानसिंह को किन गुणों से संपन्न नए दीवान की आवश्यकता थी?
उत्तर- सरदार सुजानसिंह को नए दीवान के रूप में दयावान, आत्मबलयुक्त, उदारता तथा वीरता जैसे गुणों से संपन्न एवं हृदय में साहस रखने वाले व्यक्ति की आवश्यकता थी। देवगढ़ का नया दीवान पंडित जानकीनाथ को चुना गया।
6. 'आचरण एवं चरित्र की शुद्धता और कर्मठता से ही जीवन में ऊँचा पद और मान-सम्मान मिलता है।' क्या आप इस कथन से सहमत हैं?
उत्तर- हाँ, हम इस कथन से सहमत हैं, क्योंकि अच्छे आचरण एवं चरित्र की शुद्धता व्यक्ति को महान बनाती है तथा कर्मठव्यक्ति में आत्मबल होता है और उसे सभी चाहते हैं, उसका आदर करते हैं तथा उसे ही समाज में ऊँचा पद मिलता है।
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