HINDI BLOG : चाँदी का जूता (प्रश्न-उत्तर) CLASS 8

कहानी 'आप जीत सकते हैं'

'आप जीत सकते हैं एक भिखारी पेंसिलों से भरा कटोरा लेकर ट्रेन स्टेशन पर बैठा था। एक युवा कार्यकारी अधिकारी वहाँ से गुजरा और उसने कटोरे में...

Thursday, 17 October 2024

चाँदी का जूता (प्रश्न-उत्तर) CLASS 8

चाँदी का जूता (प्रश्न-उत्तर)
(क) हॉस्टल का लापरवाह वेंकटेश्वर राव इतना सुव्यवस्थित कैसे हो गया था ?
उत्तर - हॉस्टल का लापरवाह वेंकटेश्वर राव तो वैसे का वैसा ही था। हॉस्टल में उसकी सब चीजें अस्त-व्यस्त रहती थी। उसे व्यवस्था और करीने की आदत नहीं थी। घर की बैठक की सजावट उसकी पत्नी रमा ने की थी, जिसको देखकर लेखक को लगा था कि उसका मित्र अब सुव्यवस्थित हो गया है।

(ख) वेंकटेश्वर राव और उनकी पत्नी रमा ने सीमा की विशेषताएँ बताते हुए क्या कहा ?
 उत्तर - वेंकटेश्वर राव और उनकी पत्नी रमा ने सीमा की विशेषताएँ बताते हुए कहा कि उसने एम०ए० प्रथम श्रेणी में पास कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। अब पी.एच.डी कर रही है। डी लिए भी करना चाहती है। वह कॉलेज पढ़ाने जाती है और घर का सारा काम भी करती है। साथ ही साथ सास-ससुर दोनों की सेवा भी करती है।

(ग) वेंकटेश्वर राव के भाई के घर की विडंबना क्या थी ?
उत्तर - वेंकटेश्वर राव के भाई के घर की विडंबना यह थी कि वे पचास हजार रुपए दहेज में लेकर मैट्रिक पास बहू को घर लाए थे। यदि उससे कोई भी काम करने के लिए कहता, तो फौरन उलटा जवाब देती थी कि वह घर की बेगारी करने नहीं आई है। वह अपने पिताजी द्वारा दिए गए रुपयों का जिक्र करते हुए कहती कि उससे नौकर रख लो।

(घ) राव ने 'ऐश-ट्रे' को उनके थोथे आदर्शों का उपहास करने वाला अविस्मरणीय चिह्न क्यों कहा ?
उत्तर - राव तो दहेज लेना नहीं चाहते थे, परंतु अपनी पत्नी रमा के दबाव में आकर उन्हें दहेज माँगना पड़ा। इसके फलस्वरूप उन्हें साठ हजार रुपयों के सहित चाँदी का बना 'ऐश-ट्रे', जो उलटे पैर के जूते की आकृति का था, मिला, जिसको उन्होंने अपने थोथे आदर्शों का उपहास करने वाला अविस्मरणीय चिह्न कहा था।

(ङ) वह कौन-सी विवशता थी, जिसके तहत लेखक ने विवाह में उचित रकम देने की बात सीमा के पिता से कही ?
उत्तर - दहेज माँगने के लिए रमा ने अपने पति पर दबाव डाला था, जिसके तहत राव ने विवाह में उचित रकम देने की बात सीमा के पिता से कही। रमा उनकी पत्नी थी और पुत्र के विवाह को लेकर उसकी अनेक आकांक्षाएँ थीं। वह स्वयं दहेज की माँग करने की अपेक्षा पति पर दवाब बना रही थी कि वे दहेज की रकम माँगे। उसके आगे वेंकटेश्वर राव झुक गए।

(च) वेंकटेश्वर राव यदि पत्नी के आग्रह के सामने न झुकते, तो क्या वे अपने साथ न्याय करते ?
उत्तर - वेंकटेश्वर राव यदि पत्नी के आग्रह के सामने न झुकते, तो वह अपने साथ तो न्याय करते ही, साथ ही सीमा और पूरे समाज की लड़कियों के साथ भी न्याय करते। पत्नी के दबाव में आकर भी किया गया गलत कार्य तो गलत ही कहलाता है। मात्र पत्नी के आग्रह और प्रसन्नता का तो उन्होंने विचार किया, परंतु उन्होंने न स्वयं के विचारों का मान रखा और न दूसरों के।

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