अपठित गद्यांश
निम्नलिखित अपठित गद्यांशों को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
1. पौष्टिक भोजन जीवन के लिए बहुत आवश्यक है । हमारे परंपरागत पौष्टिक भोजन का संबंध केवल जीभ और पेट से न होकर संपूर्ण शरीर व स्वास्थ्य से होता था । उसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता था, किंतु वर्तमान के भागमभाग भरे जीवन में हम जिस जंक फूड का सेवन बहुतायत में कर रहे हैं, वह केवल जीभ के लिए अच्छा है, उसका अधिक सेवन न तो पेट के लिए अच्छा है और न ही सेहत के लिए । इसी कारण आज का आदमी मोटापे, रक्तचाप, शुगर, कोलेस्ट्रॉल आदि से ग्रस्त दिखाई दे रहा है। अगर सच कहा जाए तो आदमी जंक फ़ूड को नहीं, बल्कि जंक फूड आदमी को खा रहा है । जंक फ़ूड में प्रयोग मैदा, केमिकल्स चिकनाई पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव डालते हैं । इसका सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है । यदि विद्यार्थी जीवन में बच्चे जंक फ़ूड का सेवन कम करेंगे, तो उनकी बुद्धि का विकास भी अच्छी तरह हो सकेगा क्योंकि रिसर्च बताती है कि जंक फ़ूड के अधिक सेवन से बुद्धि का विकास भी प्रभावित होता है। अतः समय रहते हमें इस बात को समझ लेना चाहिए कि अपने परंपरागत पौष्टिक भोजन द्वारा ही हम स्वस्थ और खुशहाल जीवन सकेंगे।
एक अंक वाले प्रश्न -
(क) जंक फूड पर किया गया शोध क्या बताता है ?
उत्तर- जंक फूड पर किया गया शोध यह बताता है कि जंक फ़ूड के अधिक सेवन से बुद्धि का विकास प्रभावित होता है।
(ख) हमें समय रहते कौन-सी बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए ?
उत्तर-हमें समय रहते यह समझ लेनी चाहिए कि अपने परंपरागत पौष्टिक भोजन द्वारा ही हम स्वस्थ और खुशहाल जीवन सकते हैं।
(ग) पुष्ट में इक प्रत्यय जोड़कर बना शब्द गद्यांश से छाँटकर लिखिए ।
उत्तर- पुष्ट + इक = पौष्टिक
(घ) गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए ।
उत्तर-गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक है -पौष्टिक आहार।
दो अंक वाले प्रश्न-
(क) पौष्टिक भोजन क्यों आवश्यक होता है ?
उत्तर- पौष्टिक भोजन जीवन के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि पौष्टिक भोजन का संबंध केवल जीभ और पेट से न होकर संपूर्ण शरीर व स्वास्थ्य से होता है । पौष्टिक भोजन से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता।
(ख) ऐसा क्यों कहा गया है कि आदमी जंक फूड को नहीं, बल्कि जंक फूड आदमी को खा रहा है ?
उत्तर- आदमी जंक फूड को नहीं, बल्कि जंक फूड आदमी को खा रहा है ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि आज आदमी मोटापे, रक्तचाप, शुगर, कोलेस्ट्रॉल आदि बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं।
(ग) आपको बहुत भूख लगी है और आपके सामने पौष्टिक भोजन व जंक फूड दोनों रखे हों, लेकिन उनमें से आप केवल एक चुन सकते हों, तो आप किसे चुनेंगे और क्यों ?
उत्तर- हम पौष्टिक भोजन को ही चुनेंगे क्योंकि इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता साथ ही यह पौष्टिक और खाने में स्वादिष्ट भी होगा।
2. विद्यार्थी जीवन में बालक जो आदतें सीख लेता है, वे आजीवन उसके साथ रहती हैं। अच्छी आदतें उसे भविष्य का एक आदर्श नागरिक बना देती हैं, समाज ऐसे नागरिक को पाकर धन्य हो जाता है, जबकि बुरी आदतें उसे उस राह पर ले जाती हैं, जिस पर चलने वाले लोग समाज के लिए हमेशा एक परेशानी बने रहते परोपकार, दया, त्याग, भाईचारा, संवेदनशीलता और नारी के प्रति सम्मान की भावना जैसे गुण इंसान को हमेशा इंसान बनाए रखते हैं , उसे कभी हैवान नहीं बनने देते, जबकि बुरी आदतें इंसान को हैवान बना देती हैं । इसलिए जरूरी है कि विद्यालय और माता-पिता अपनी इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी के साथ निभाएँ । विद्यार्थी विद्यालय और घर-परिवार से अधिक-से-अधिक अच्छी आदतें सीखकर समाज में जाएँ, ताकि समाज को इनसान के रूप में इंसान ही दिखाई दें , इंसान के रूप में उनमें कोई हैवान या भेड़िया न छिपा हो ।
एक अंक वाले प्रश्न
(क) किनके कारण एक इंसान हैवान बन जाता है ?
उत्तर- बुरी आदतों के ही कारण एक इंसान हैवान बन जाता है।
(ख) विद्यालय और माता-पिता की किस ज़िम्मेदारी की बात गद्यांश में कही गई है ?
उत्तर-बच्चे विद्यालय और माता-पिता से अधिक-से-अधिक अच्छी आदतें सीखकर ही समाज में जाएँ।
(ग) 'विद्यार्थी' या 'परोपकार' शब्द का संधि-विच्छेद कीजिए।
उत्तर- विद्यार्थी -विद्या+अर्थी, परोपकार- पर+उपकार।
(घ) गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
उत्तर- अच्छी आदतों का महत्त्व।
दो अंक वाले प्रश्न
(क) विद्यार्थी जीवन का बालक पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर- विद्यार्थी जीवन में बालक पर उसकी आदतों का गहरा प्रभाव पड़ता है। बालक जो आदतें सीख लेता है, वे आदतें आजीवन उसके साथ रहती हैं। अच्छी आदतें उसे भविष्य का एक आदर्श नागरिक बना देती हैं।
(ख) इंसान किन गुणों से इंसान बना रह सकता है ?
उत्तर-परोपकार, दया, त्याग, भाईचारा, संवेदनशीलता और नारी के प्रति सम्मान की भावना जैसे गुणों से इंसान हमेशा इंसान बना रहता है।
(ग) आप कैसा समाज चाहते हैं ? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- हम ऐसा समाज चाहते हैं जहाँ हर इंसान के रूप में इंसान ही दिखाई दे, जहाँ इंसान के रूप में उनमें छिपा कोई हैवान या भेड़िया न हो ।
Great efforts and very helpful
ReplyDeleteThanku😊
Great efforts nad very helpful
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