HINDI BLOG : Question Answers कविता 'प्रियतम' कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

कहानी 'आप जीत सकते हैं'

'आप जीत सकते हैं एक भिखारी पेंसिलों से भरा कटोरा लेकर ट्रेन स्टेशन पर बैठा था। एक युवा कार्यकारी अधिकारी वहाँ से गुजरा और उसने कटोरे में...

Monday, 30 May 2022

Question Answers कविता 'प्रियतम' कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

1.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) भगवान विष्णु ने अपना प्रियतम किसे बताया ? 
उत्तर- भगवान विष्णु ने अपना प्रियतम भक्त एक सज्जन किसान को बताया। 
(ख) भगवान विष्णु क्या सुन कर हँसे ? 
उत्तर- भगवान विष्णु नारद की यह बात सुनकर हँसे कि वे उस किसान की परीक्षा लेना चाहते हैं। 
(ग) नारद किसान की परीक्षा लेने कहाँ पहुँचे ? 
उत्तर- नारद किसान की परीक्षा लेने उसके घर पर पहुँचे। 
(घ) नारद ने तैल-पूर्ण पात्र लेकर किसकी परिक्रमा की ? 
उत्तर- नारद ने तेल-पूर्ण पात्र लेकर समस्त भूमंडल की परिक्रमा की।
(ङ) अंत में नारद ने किस सत्य को स्वीकार किया ? 
उत्तर- -अंत में नारद ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि वह किसान कई उत्तरदायित्व  निभाते हुए भी प्रभु का नाम लेता है, इसलिए वह भगवान का प्रियतम भक्त है। 

2. लघु उत्तरीय प्रश्न:
(क) नारद विष्णु जी के पास किसलिए गए थे ?
उत्तर- नारद विष्णु के पास यह जानने के लिए गए थे कि मृत्यु लोक में उनका प्रधान भक्त कौन है ?
(ख) नारद किसान की परीक्षा क्यों लेना चाहते थे ?
उत्तर- नारद किसान के परीक्षा इसलिए लेना चाहते थे ताकि वे जान सकें कि विष्णु जी ने उसे ही अपना प्रधान भक्त क्यों कहा है ?
(ग) नारद क्या देखकर चकरा गए ? 
उत्तर- नारद यह देखकर चकरा गए कि जिस किसान को विष्णु जी ने अपना परम भक्त माना है, उस किसान ने दिन भर में केवल तीन बार ही अपने इष्ट को याद किया। 
(घ) इस कविता को पढ़कर आपके मन में क्या विचार उमड़े ?
उत्तर- इस कविता को पढ़कर हमारे मन में यह विचार उमड़ते हैं कि हम चाहे जो भी काम करें मगर किसी भी समय हमें ईश्वर को नहीं भूलना चाहिए तथा उनका स्मरण करते रहना चाहिए। साथ ही अपने कर्तव्यों का निष्ठा पूर्वक पालन करना चाहिए। 

3. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:
(क) किसान भगवान का नाम किस-किस समय लिया करता था ? 
उत्तर- किसान प्रातः काल खेतों पर जाने से पहले दोपहर में घर के दरवाजे पर पहुँचकर और फिर शाम को खेतों से आकर घर के दरवाजे पर आकर अर्थात दिन में कुल तीन बार ही भगवान का नाम लिया करता था। 
(ख) "फिर भी भगवान को किसान ही याद आया ! 
(i) कविता की यह पंक्ति किसके द्वारा किस संदर्भ में कही गई है ? 
उत्तर- कविता की यह पंक्ति नारद जी ने नारद जी द्वारा तब कही गई है, जब उन्होंने किसान की परीक्षा लेने के दौरान देखा कि वह किसान दिन में केवल तीन बार ही भगवान का नाम लेता है। 
(ii) इस पंक्ति से नारद जी के मन की कौन-सी भावना उभरकर सामने आती है ? 
उत्तर- इस पंक्ति से नारद के मन में मौजूद आश्चर्य एवं स्वयं को बड़ा भक्त मानने संबंधी अभिमान की भावना उभर कर सामने आती है। 
(ग) विष्णु जी ने नारद जी को कौन-सा काम सौंपा और क्यों ? 
उत्तर- विष्णु जी ने नारद जी को कहा कि वे तेल पूर्ण पात्र लेकर पूरे भूमंडल की परिक्रमा करके आएँ, क्योंकि यह काम उनके अलावा कोई और नहीं कर सकता है। 
(घ) नारद जी को तेलपूर्ण पात्र देते हुए विष्णु जी ने क्या निर्देश दिया ? 
उत्तर- नारद जी को तेल पूर्ण पात्र देते हुए विष्णु जी ने यह निर्देश दिया कि इस पात्र से तेल की एक बूँद भी नीचे नहीं गिरने पाए। 
(ङ) विष्णु जी ने किसान की क्या विशेषता बताई ? 
उत्तर- विष्णु जी ने किसान की विशेषता बताते हुए कहा कि वह अपने अनेक उत्तरदायित्व का निर्वाह करते हुए भी अपने इष्ट का नाम लेना कभी नहीं भूलता है। 
(च) कविता में किसान की भक्ति को नारद की भक्ति की अपेक्षा श्रेष्ठ बताकर कवि क्या प्रमाणित करना चाहते हैं ? 
उत्तर- कविता में किसान की भक्ति को नारद की भक्ति की अपेक्षा श्रेष्ठ बताकर कवि  यह प्रमाणित करना चाहते हैं कि श्रेष्ठ वे हैं, जो अपने कर्तव्यों को पूरा करते हुए भगवान का स्मरण करते हैं, न कि अपने कर्तव्यों को छोड़कर। कवि के अनुसार हमारे कर ईश्वर द्वारा ही प्रदत हैं अतः उन्हें करना ही हमारी सच्ची पूजा है। 

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