(क) बाबा अब्दुल्ला किसे अपनी कहानी सुना रहे थे ?
उत्तर- बाबा अब्दुल्ला अपनी कहानी खलीफ़ा को सुना रहे थे।
(ख) बाबा अब्दुल्ला के पास कितने ऊँट थे ?
उत्तर- बाबा अब्दुल्ला के पास कुल अस्सी ऊँट थे।
(ग) बसरा से लौटते समय उन्हें रास्ते में कौन मिला ?
उत्तर- बसरा से लौटते समय उन्हें रास्ते में एक फ़कीर मिला।
(घ) जिनों के बनाए भव्य भवन में उन्होंने क्या देखा ?
उत्तर- जिन्नों के बनाए भव्य भवन में उन्होंने देखा कि वह असीम द्रव्यों से भरा पड़ा है, जिसमें अशर्फ़ियाँ, बहुमूल्य रत्न और भाँति-भाँति की स्वर्ण निर्मित मुद्राएँ थीं।
(ङ) मरहम को दाहिनी आँख की पलक पर लगाने का क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर- दाहिनी आँख की पलकों पर मरहम लगाने का यह परिणाम हुआ कि बाबा अब्दुल्ला बिल्कुल अंधे हो गए।
2. लघु उत्तरीय प्रश्न :
(क) बाबा अब्दुल्ला ने उत्तराधिकार में मिले धन का क्या किया ?
उत्तर- बाबा अब्दुल्ला ने उत्तराधिकार में मिले सारे धन को भाग-विलास में शीघ्र ही खर्च कर दिया।
(ख) फ़कीर ने अब्दुल्ला को रातों-रात अमीर बनने का क्या रास्ता सुझाया ?
उत्तर- फकीर ने अब्दुल्ला को रातों-रात अमीर बनने का रास्ता सुझाते हुए कहा कि जहाँ वे बैठे हैं, वहाँ से कुछ दूरी पर एक ऐसी जगह है, जहाँ अपार कीमती द्रव्य भरा पड़ा है। वहाँ से वह अपने अस्सी ऊँटो को बहुमूल्य रत्नों और अशर्फियों से लाद सकता है।
(ग) खजाने से भरे भवन को देखकर अब्दुल्ला की क्या दशा हुई ?
उत्तर- खजाने से भरे भवन को देखकर अब्दुल्ला की खुशी का ठिकाना न रहा। वह अशफ़ियों के ढेर पर ऐसे झपटा, जैसे किसी शिकार पर शेर झपटता है।
(घ) अब्दुल्ला के अंधे हो जाने पर फ़कीर ने क्या किया ?
उत्तर- अब्दुल्ला के अर्थ हो जाने पर फ़कीर ने उसकी किसी बात का कोई उत्तर नहीं दिया, बल्कि उसके सारे ऊँट और उन पर लदी हुई संपत्ति लेकर बसरा की ओर चल दिया।
(ङ) मनुष्य अपने लालच पर नियंत्रण क्यों नहीं रख पाता ? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- मनुष्य अपने लालच पर नियंत्रण नहीं रख पाता, क्योंकि मनुष्य को लालची स्वभाव के कारण जितना मिलता है, उससे उसका मन नहीं भरता और उसमें अधिक पाने की लालसा बनी रहती है। जैसा कि बाबा अब्दुला के साथ हुआ। अधिक धन पाने के प्रयास में उसने अपनी आँख भी खोई और खजाना भी।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
(क) अब्दुल्ला की क्या विवशता थी, जिससे उसने फ़कीर की शर्त स्वीकार कर ली ?
उत्तर- अब्दुल्ला की विवशता यह थी कि वह अत्यंत लालची था। हर हाल में वह अधिक-से-अधिक धन पाना चाहता था। फकीर उसे अपार द्रव्य वाले खजाने तक ले जाने वाला था, जिसके बारे में केवल वही जानता था, इसलिए उसने फकीर की बात मान ली।
(ख) खजाने से भरा महल कैसे प्रकट हुआ ?
उत्तर- फ़कीर ने सूखी लकड़ियाँ जमा को और चकमक पत्थर से आग जलाई। आग जलाकर उसमें एक सुगंधित द्रव्य डाला, जिससे धुएँ का एक बादल उठा। बादल के फटते हो एक टोला दिखा। उस टीले के द्वार से आगे बढ़ने पर एक गुफ़ा मिली, जिसमें जिन्नों का बनाया एक महल प्रकट हुआ, जो असीम बहुमूल्य द्रव्यों से भरा हुआ था।
(ग) खजाने के भवन से बाहर निकलने के पहले फ़कीर दूसरे कमरे में क्यों गया ?
उत्तर- खजाने के भवन से बाहर निकलने के पहले फ़कीर दूसरे कमरे में रखी सोने की एक संदूकची में मौजूद लकड़ी से बनी एक डिबिया लेने गया , जिसमें एक प्रकार का मरहम भरा हुआ था ।
(घ) तंग दरें से बाहर निकलकर अब्दुल्ला क्या सोचने लगा ?
उत्तर- तंग दरें से बाहर निकलकर अब्दुल्ला के लालच को उसके अपने मन के शैतान ने बढ़ा दिया था । उसने सोचा कि फ़कीर से रत्नों से लदे सारे ऊँट वापस ले लूँ , क्योंकि उस जैसे सांसारिक लोगों के लिए धन का महत्त्व फकीर से अधिक है ।
(ङ) फ़कीर ने मरहम की डिविया देते हुए अब्दुल्ला को क्या हिदायत दी ?
उत्तर- फ़कीर ने मरहम की डिबिया देते हुए अब्दुल्ला को हिदायत दी थी कि अगर वह इसमें से थोड़ा मरहम बाई आँख में लगाएगा , तो उसे संसार के सारे गुप्त कोश या खजाने दिखाई देने लगेंगे , लेकिन यदि उसने इसे दाहिनी आँख में लगाया , तो वह सदैव के लिए दोनों आँखों से अंधा हो जाएगा ।
(च) खलीफा ने अब्दुल्ला को क्या आदेश दिया ?
उत्तर- खलीफा ने अब्दुल्ला को आदेश दिया कि अब वह जाकर सारी भिक्षुक-मंडली को अपना वृतांत सुनाए ताकि सभी को मालूम हो कि अत्यधिक लालन का क्या फल होता है ? खलीफ़ा ने अब्दुल्ला से कहा कि अब वह भीख माँगना छोड़ दे । वह उसे हर रोज़ अपने खजाने से पाँच रुपए दिया करेगा। यह व्यवस्था उसके जीवनभर के लिए होगी।
(छ) इस कहानी से आपको क्या प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर- इस कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि लालच बला है। अधिक लालच करने से हमारे पास जो कुछ होता है, हम उसे भी खो बैठते हैं, इसलिए भगवान ने जो कुछ हमको दिया है, उसी में संतोष करते हुए आनंदपूर्वक जीवन यापन करना चाहिए।
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