HINDI BLOG : ऋतुराज कविता का सारांश

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Wednesday, 9 February 2022

ऋतुराज कविता का सारांश

इस ऋतु में प्रकृति की सुंदरता सबको आनंदित करती है। प्रकृति में 
हर तरफ मस्ती छाई होती है। वसंत ऋतु में प्रकृति हमारे शरीर को 
ऊर्जा से भरकर हमें आत्मविश्वास के साथ नए कार्य को शुरू करने 
की प्रेरणा देती है।वसंत ऋतु में न केवल मनुष्य बल्कि पशु-पक्षी भी 
आनंद से भर जाते हैं। आसमान में पक्षी किलकारियाँ मारकर वसंत 
का आगमन करते हैं। वसंत ऋतु बहुत प्रभावशाली होती है। चिड़ियों 
की आवाज और रात में चाँद की चाँदनी दोनों ही बहुत सुहावने, ठंडे 
और शांत हो जाते हैं। इस ऋतु में सरसों के पीले-पीले फूल खिल-
खिलाकर खुशी व्यक्त करते हैं। तालाबों में कमल के फूल खिल कर
 इस तरह पानी को इस तरह ढक लेते हैं जैसे मनुष्य को संकेत दे रहे 
हों कि अपने सारे दुखों को भूलकर अपनी जिंदगी का आनंद लो। 
वसंत ऋतु जब आती है तो वह प्रकृति में सब कुछ जागृत कर देती है, जैसे यह पेड़-पौधे को  फूल-
फसलों को, मनुष्योंव पशुओं और अन्य वस्तुओं को सर्दी के मौसम की लंबी नींद से जगाती हैं और 
प्रकृति रंगीन हो जाती है। इस ऋतु में कोयल के गाने सुनाई देते हैं, वह मधुर स्वर में गाने लगती है। हर 
तरफ फूलों की खुशबू और रोमांच होता है क्योंकि फूल खिलना शुरू कर देते हैं, पेड़ों पर नए पत्ते आ 
जाते हैं। ऐसा लगता है कि पूरी प्रकृति आनंद के साथ घोषणा करती है कि वसंत आ गया है। अब उठने 
का समय है। 
 कविता 
आया है ऋतुराज सलोना, 
आया है ऋतुराज। 
गेंदा और गुलाब खिले हैं, 
भौंरे गुन-गुन गाते हैं। 
पुरवइया के प्यारे झोंके, 
सबको मस्त बनाते हैं। 
सबको मस्त बनाने वाला, 
आया है ऋतुराज। 
        पहन बसंती कपड़ा सरसों, 
          खेतों में लहराती है। 
         आमों की डारी पर कोयल, 
          पंचम स्वर में गाती है। 
          पंचम राग सुनाने वाला, 
           आया है ऋतुराज। 
नींबू और आम के बौर, 
झूम-झूम कर महक रहे हैं। 
शीतल मंद सुगंध हवा में, 
पक्षी मिलकर चहक रहे हैं। 
विहगों को चहकाने वाला, 
आया है ऋतुराज ।।
कविता की सारांश :
इस कविता में कवि ने ऋतुराज वसंत के आगमन का वर्णन है। कवि कहते हैं कि हमारी प्यारी वसंत 
ऋतु का आ गई है। वसंत के आते ही गेंदा और गुलाब के फूल खिल गए हैं। बाग में भौंरे भी गुन-गुन
करके फूलों पर मँडराने लगे हैं। वसंत ऋतु में चलने हवा भी शीतल होकर सबको मस्त कर रही है। 
सबको आनंद से भरने वाला वसंत आ गया है। खेत-खलिहानों में भी सरसों ने पीले वस्त्र पहन लिए हैं 
यानी खेतों में सरसों पर पीले-पीले फूल खिले हुए हैं। कोयल भी आम की डाली पर बैठकर अपने मधुर 
स्वर में गाती है। वसंत ऋतु में चारों ओर मधुर संगीत सुनाई देता है। नींबू और आम के पेड़ों पर छोटे-
छोटे फूल निकल आए हैं और इस वसंती हवा का स्पर्श पाकर वे झूमते हुए महक रहे हैं। वसंत ऋतु के 
आते ही वातावरण में चारों ओर सुगंधित शीतल हवा धीरे-धीरे बहने लगी है। वसंत ऋतु में सभी पक्षियों 
 की चहचहाट सुनाई देने लगी है। चारों और आनंद और उत्साह का वातावरण बना हुआ है क्योंकि 
वसंत का आगमन हो चुका है। 
अभ्यास प्रश्न :
1- कविता में किस ऋतु का वर्णन है ? 
उत्तर- कविता में वसंत ऋतु का वर्णन किया गया है। 
2- ऋतुराज के आने पर कौन-से फूल खिल गए हैं ? 
उत्तर- ऋतुराज के आते ही गेंदा और गुलाब के फूल खिल जाते हैं। 
3- सरसों ने कैसे कपड़े पहन रखे हैं ?
उत्तर- सरसों ने पीले कपड़े पहन रखे हैं। 
4- कोयल कौन-से सुर में गाती है ? 
उत्तर- कोयल पंचम स्वर में गीत गाती है। 
5- नींबू व आम पर क्या आ गए हैं ?
उत्तर- नींबू व आम पर बौर निकल आए हैं। 
6- वसंत ऋतु में फूलों पर क्या पड़ता है ?
उत्तर- वसंत ऋतु के आते ही गेंदा और गुलाब के फूल खिल उठते हैं। फूलों की सुगंध पूरे वातावरण 
को मदहोश कर देती है। 
7- वसंत में खेतों में कैसा दृश्य दिखाई देता है ?
उत्तर- वसंत आने पर खेत पीले फूलों से लहलहा उठते हैं। सरसों पर पीले फूल खिल जाते हैं। इन 
सरसों के फूलों को देखकर ऐसा लगता मानों सरसों ने पीले वस्त्र पहन लिए हों। 
8- वसंत ऋतु में कोयल क्या करने लगती है ?
उत्तर- वसंत ऋतु के आने पर कोयल आमों की डाली पर बैठकर मधुर स्वर में अपना पंचम राग सुनाने 
लगती है। 
9- वसंत ऋतु का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर- वसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। वसंत ऋतु के आते ही सारा वातावरण उत्साह और 
ऊर्जा से भर जाता है। बागों में हर रंग के फूल खिलने लगते है। पेड़ों पर नए-नए पत्ते निकलने लगते हैं। 
प्रकृति में हर तरफ हरियाली छा जाती है। वसंत ऋतु में कोयल भी अपना मधुर राग सुनाने लगती है।
पक्षियों का कलरव मन को आनंद से भर देता है। खेतों में सरसों के पीले फूल लहलहराते हुए मस्ती में 
झूम उठते हैं।   

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