अनुच्छेद लेखन एक कला है। इसमें एक ही विषय पर सीमित शब्दों में वाक्यों को प्रस्तुत किया जाता है। शब्द संख्या अत्यंत सीमित होने के कारण अनुच्छेद लेखन में विशेष सतर्कता (सावधानी) रखनी चाहिए।
अनुच्छेद लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें :
1.अनुच्छेद अधिक से अधिक १०० शब्दों का होना चाहिए।
2. विषय को स्पष्ट करने के लिए वाक्य क्रम सोच लेना चाहिए।
3. वाक्य छोटे-छोटे और एक-दूसरे से जुड़े होने चाहिए।
4. अनुच्छेद की भाषा स्पष्ट, सरल, रोचक तथा शुध्द होनी चाहिए।
5. अनुच्छेद लिखने के बाद उसे एक बार जरूर पढ़ें ।
अनुच्छेद लेखन के उदाहरण :
हमारे राष्ट्रीय पर्व
संकेत-बिंदु : * पर्व और उसके रूप * राष्ट्रीय पर्व *संदेश
भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है । इसके दो राष्ट्रीय पर्व विशेष हैं। ये दोनों भारत में रहने वाले हर वर्ग और संप्रदाय के द्वारा पूजनीय हैं। 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश अंग्रेजी शासन से मुक्त हुआ था। हमने वर्षों बाद आज़ादी की खुली हवा में साँस ली थी। इस दिन हर भारतवासी का सीना गर्व से चौड़ा और माथा उन्नत हो गया था। तब से आज तक यह दिन स्वतंत्रता दिवस के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था। यह दिवस गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इन दोनों विशेष पर्वों के अतिरिक्त हम भारत की स्वतंत्रता के प्रमुख सेनापति महात्मा गांधी का जन्मदिन, 2 अक्तूबर भी राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। ये तीनों पूर्व भारत में प्रतिवर्ष पूर्ण उत्साह व जोश से मनाए जाते हैं। ये भारतवासियों के दिल में देश-प्रेम की भावना जगाते हैं और संदेश देते हैं- स्वदेश के लिए जिओ और अपने देश के हित में प्राण न्योछावर कर दो।
मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन
संकेत बिंदु : *जीवन का अच्छा दिन * जीवन का बुरा दिन *भाई से मिलने का खुशी
मनुष्य के जीवन का हर दिन एक समान नहीं होता। जीवन में उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। कई दिन तो इतने बुरे बीतते हैं कि हम उन्हें भूल जाना चाहते हैं, परंतु कुछ दिन ऐसे होते हैं जिन्हें हम अपनी यादों में सदा के लिए संजोकर रख लेना चाहते हैं। उन्हें याद करने मात्र से ही हमें सुख और खुशी का एहसास होता है। मेरे अब तक के जीवन में भी कई दिन आए और गए, परंतु 6 जून, 2021 मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन था। उसे मैं सदा अपनी यादों में सँजोकर रखना चाहती हूँ। नानी जी ने मेरा माथा चूमते हुए बताया कि मेरा भाई आया है। मैं तो खुशी से झूम उठी। मुझे लगा, आज मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन है, क्योंकि मैं भगवान से भाई के लिए रोज़ प्रार्थना करती थी। अब रक्षाबंधन के दिन मैं भी अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधा करूँगी। यह सोचकर मन खुशी से नाचने लगा। मैं अपनी नानी से जल्दी अस्पताल चलने के लिए कहने लगी, क्योंकि मुझे अपने देखना था। अस्पताल पहँचकर सब लोगों ने मुझे प्यार दिन मैं भी अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधा करुँगी। यह सोचकर मन खुशी से नाचने लगा। मैं अपनी नानी से जल्दी अस्पताल चलने के लिए कहने लगी, क्योंकि मुझे अपने भाई को देखना था। अस्पताल पहुँचकर सब लोगों ने मुझे प्यार किया और बधाई दी। लोगों में मिठाई बाँटी गई। चारों ओर खुशी का माहौल था। मैं तो फूली न समाई और यही मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन था। वह दिन मेरे मन के आकाश में चाँद-तारे और सूरज की भाँति सदा चमकता रहेगा ।
अनुशासन
संकेत-बिंदु: * अनुशासन का अर्थ * परिवार और अनुशासन *अनुशासनहीनता के दुष्परिणाम
अनुशासन का अर्थ है- नियम पालन। परिवार अनुशासन की पहली पाठशाला है। बच्चा अपने परिवार में जैसा देखता है, वैसा ही सीखता है। जो माता-पिता अपने बच्चों को अनुशासन में देखना चाहते हैं, वे स्वयं अनुशासन का पालन करते हैं। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन अनिवार्य है। जो छात्र अपने जीवन को अनुशासित कर लेते हैं, रंग-बिरंगी दुनिया की चमक और उसके विभिन्न आकर्षणों से वे स्वयं को बचा लेते हैं। आज विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में अनुशासनहीनता का बोलबाला है। जो विद्यालय विद्या के मंदिर माने जाते थे, आज अनुशासनहीनता को प्राप्त हुए उसके छात्र अनेक दुष्कर्मों में लिप्त होकर अपने जीवन की बलि चढ़ा रहे हैं। यह हमारा दुर्भाग्य ही है कि आज देश के नौजवान, जिन्हें राष्ट्र की धरोहर कहा जाता है, अनुशासनहीनता का शिकार होकर अपने जीवन के श्रेष्ठतम समय को व्यर्थ गँवा रहे हैं।
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