नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़कर समझिए-
1.रवि परिश्रमी व्यक्ति है। वह डाकिया है।
2. दीया और श्वेता बहनें हैं। वे गीत गा रही हैं।
3. डाकिया - रमेश जी घर पर हैं।
लड़का - मैं ही रमेश हूँ।
निम्नलिखित प्रयोगों पर ध्यान दीजिए -
1. रवि के स्थान पर वह का प्रयोग हुआ है।
2. दीया और श्वेता के स्थान पर वे का प्रयोग हुआ है।
3. रमेश द्वारा स्वयं के लिए मैं का प्रयोग हुआ है।
यहाँ संज्ञाओं के स्थान पर अन्य शब्दों (वह, वे, मैं) का प्रयोग किया गया है। ये सर्वनाम शब्द हैं।
नीचे लिखी चिट्ठी को ध्यान से पढ़िए -
दोस्तों! मेरा नाम सुप्रिया है। मैं आप सभी दोस्तों को एक सलाह देना चाहती हूँ। गर्मियों का मौसम है, मैं और मेरी दीदी मिलकर पक्षियों को दाना पानी देते हैं। हमें बहुत मज़ा आता है। अब पक्षी हमारे बहुत करीबी हो गए हैं और हमसे डरते भी नहीं हैं। आप भी पक्षियों को अपना दोस्त बना सकते हैं। ऐसा करने से आपको बहुत अच्छा लगेगा।
उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्द संज्ञाओं के स्थान पर आए हैं। ये सभी शब्द सर्वनाम हैं। इनके प्रयोग से भाषा प्रभावशाली बन जाती है।
परिभाषा- संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाने वाले शब्द 'सर्वनाम' कहलाते हैं।
* सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के छह भेद हैं :
1. पुरुषवाचक
2. निश्चयवाचक
3. अनिश्चयवाचक
4. प्रश्नवाचक
5. संबंधवाचक
6. निजवाचक
1. पुरुषवाचक सर्वनाम- बोलने वाले(वक्ता), सुनने वाले (श्रोता) या जिसके बारे में कुछ कहा जाए अथवा उसके लिए प्रयोग किए जाने वाले सर्वनाम को 'पुरुषवाचक सर्वनाम' कहते हैं।
(i) माँ पिताजी से बोली, "मैं ऑफिस जा रही हूँ। मैंने सबके लिए खीर बनाई है। आप बच्चों को खिला देना। जो खीर नहीं खाना चाहता, उसे रसगुल्ला दे देना।"
उपर्युक्त वाक्य में माँ वक्ता है और उन्होंने अपने लिए मैं एवं मैंने का प्रयोग किया है, आप श्रोता यानि पिताजी के लिए और उसे अन्य व्यक्ति के लिए प्रयोग किया है।
(ii) शिक्षक ने कहा- "मैं आज तुम्हें 'सर्वनाम' के बारे में पढ़ाऊँगा। तुम सब पुस्तकें निकालो। वे बच्चे बाहर घूमने जा रहे हैं, उन्हें भी बुला लाओ।"
इन वाक्यों में 'मैं' कहने वाले या बोलने वाले के लिए दूसरे वाक्य में 'तुम' सुनने वाले के लिए और तीसरे वाक्य में 'वे' तथा 'उन्हें' अन्य व्यक्ति के लिए प्रयोग किए गए हैं। ये सभी 'पुरुषवाचक सर्वनाम' हैं।
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं :
* उत्तम पुरुष * मध्यम पुरुष * अन्य पुरुष
i. उत्तम पुरुष - जिस सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला (वक्ता) अपने लिए करता है, उसे उत्तम पुरुष सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :
i. मैंने दवा ले ली है।
ii. मैं बड़ी होकर टेनिस की खिलाड़ी बनना चाहती हूँ।
iii. मुझे घर जल्दी पहुँचना चाहिए।
iv. हमें समय का ध्यान रखना चाहिए।
पहचान : मैं, मैंने, मुझे, हम, हमारा, हमको, हमें। 'म' और 'ह' परिवार।
ii. मध्यम पुरुष- जिस सर्वनाम शब्द का प्रयोग बोलने वाला (वक्ता) सुनने वाले (श्रोता) के लिए करता है, उसे 'मध्यम पुरुष' कहते हैं।
जैसे :
i. तुम कहाँ जा रहे हो ?
ii. तुम्हें तो कल आना था।
iii. तू सुबह जल्दी आ जाना।
iv. तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है, तुम आराम करो।
v. आप कब आए ?
पहचान: तू, तुम, तुम्हें, आप, तुम्हारी, आपकी। 'त' और 'अ' परिवार।
iii. अन्य पुरुष - जिस सर्वनाम शब्द का प्रयोग वक्ता यानि बोलने वाला किसी तीसरे या अन्य पुरुष के लिए करे, उसे 'अन्य पुरुष सर्वनाम' कहते हैं।
जैसे:
i. वह थका हुआ है।
ii. उसे भूख लगी है।
iii. वे गीत गा रहे हैं।
iv. उन्हें बुलाओ।
पहचान: वह, उसे, वे, उन्हें।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम - जिन सर्वनाम शब्दों से किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु की ओर निश्चयपूर्वक संकेत किया जाता है, उन्हें 'निश्चयवाचक सर्वनाम' कहा जाता है। इन्हें संकेतवाचक सर्वनाम भी कहा जाता है।
जैसे:
i. वह मेरा घर है।
ii. यह सोनू की पाठशाला है।
iii. ये मेरे दादाजी हैं।
iv. यह मेरी साइकिल है।
v. वे उसकी पुस्तकें हैं।
पहचान: यह, वह, ये, वे आदि।
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम - जिन सर्वनाम शब्दों के द्वारा किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध न हो, उन्हें 'अनिश्चयवाचक सर्वनाम' कहा जाता है।
जैसे:
i. उसकी आँख में कुछ गिर गया है।
ii. इस प्रश्न का उत्तर कोई भी दे सकता है।
iii. इस बात से किसी को भी आपत्ति नहीं है।
iv. पेड़ के नीचे कोई खड़ा है।
पहचान: कुछ, कोई, किसी, किन्हीं आदि।
4. संबंधवाचक सर्वनाम - जिन सर्वनाम शब्दों से वाक्य में एक सर्वनाम शब्द का दूसरे सर्वनाम शब्द से संबंध पता चलता है, उसे 'संबंधवाचक सर्वनाम' कहते हैं।
जैसे:
i. जो जल्दी पहुँचेगा, वही जीतेगा।
ii. जैसा काम करोगे, वैसा फल मिलेगा।
iii. जिसने की शर्म, उसके फूटे करम।
iv. जिसकी लाठी, उसकी भैंस।
v. जो परिश्रम करेगा, सो फल पाएगा।
पहचान: जो-सो, जो-वह, जैसा-वैसा, जिसने-उसने, जिन्होंने-उन्होंने आदि।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम- जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग प्रश्न पूछने या कुछ जानने के लिए किया जाता है , वे 'प्रश्नवाचक सर्वनाम' कहलाते हैं।
जैसे:
i. तुम्हें क्या चाहिए ?
ii. दरवाज़े पर कौन है ?
iii. बाहर किसे जाना है ?
iv. यह किसकी पुस्तक है ?
पहचान: क्या, कौन, किसे, किसने, किसकी, किससे आदि। प्रश्न पूछने के साथ प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
6. निजवाचक सर्वनाम- जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग वक्ता अपने लिए करता है यानि जिन शब्दों से अपनेपन का या निजता का बोध हो, वे 'निजवाचक सर्वनाम' कहलाते हैं।
जैसे:
i. मैं स्वयं कार्य करूँगा।
ii. तुम आप ही आ जाना।
iii. वह अपने-आप सारा गृहकार्य करता है।
iv. उसने खुद अपना रास्ता चुना।
पहचान: स्वयं, आप, अपने-आप, खुद, आप ही आप आदि।
विशेष :
* आप यहाँ बैठिए। (मध्यम पुरुष - आदरसूचक)
* आप रोहन के दादाजी हैं। (अन्य पुरुष- आदरसूचक)
* वह यह काम आप ही करना चाहता है। (निजवाचक सर्वनाम)
अभ्यास -
निम्नलिखित वाक्यों में संज्ञा शब्दों के स्थान पर, उचित सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करें -
क) सारे गाँव में बदलू लेखक को सबसे अच्छा आदमी लगता था क्योंकि बदलू लेखक को सुंदर-सुंदर लाख की गोलियाँ बनाकर देता था।
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ख ) मेरा अधिकतर समय सीमा के साथ बीतता था। सीमा बहुत अच्छी लड़की थी परंतु सीमा बहुत ही गरीब थी। सीमा के दो भाई-बहन और भी थे। सीमा अपने भाई-बहन से बहुत प्यार करती थी। सीमा की माँ का देहांत दो साल पहले हो गया था। सीमा लोगों के घरों में काम करके अपने पिता का हाथ बटाती थी।
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