I. कर्नल- जंगल की ज़िंदगी बड़ी खतरनाक होती है।
लेफ़्टिनेंट- हफ़्तों हो गए यहाँ खेमा डाले हुए। सिपाही भी तंग आ गए हैं। ये वज़ीर अली आदमी है या बहुत, हाथ ही नहीं लगता।
कर्नल- उसके अफ़साने सुन के रॉबिनहुड के कारनामे याद आ जाते हैं । अंग्रेजों के खिलाफ़ उसके दिल में किस कदर नफ़रत है। कोई पाँच महीने हुकूमत की होगी । मगर इस पाँच महीने में वो अवध के दरबार को अंग्रेज़ी असर से बिलकुल पाक कर देने में तकरीबन कामयाब हो गया था।
प्रश्न 1. गद्यांश में किसके अफ़सानों की बात हो रही है और वह कैसा व्यक्ति था ?
उत्तर- गद्यांश में बज़ीर अली के कारनामों की बात हो रही है । वह एक बहादुर और जाँबाज सिपाही था। शेर की माँद में भी घुसकर लड़ने को हिम्मत रखता था । वह अंग्रेजों को भारत से भगाना चाहता था।
प्रश्न 2. कौन, किस कामयाब हो गया था ?
उत्तर- वज़ीर अली ने लगभग पाँच महीने हुकूमत की थी और इन पाँच महीनों में वह अवध को पूरी तरह से अंग्रेजी शासन से मुक्त करने में कामयाब हो गया था।
प्रश्न 3. कर्नल को जंगल की जिंदगी खतरनाक क्यों लगती है ?
उत्तर- जंगल में आदमी की सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं होता। चोर-डकैतों के साथ-साथ हिंसक पशुओं का भय भी सताता रहता है। इसलिए जंगल की ज़िंदगी को खतरनाक कहा गया है।
प्रश्न 4. वजीर अली की तुलना रॉबिनहुड से क्यों की गई है ?
उत्तर- जिस प्रकार रॉबिनहुड अपने साहसिक और चमत्कारिक कारनामों के लिए जाना जाता था, उसी प्रकार वज़ीर अली भी जाँबाज़ और साहसिक व्यक्ति था।
प्रश्न 5. वज़ीर अली के विषय में कर्नल और लेफ़्टिनेंट के क्या विचार है ?
उत्तर- कर्नल के विचार से वज़ीर अली के मन में अंगेज़ों के खिलाफ नफ़रत भरी हुई थी। अवध में अपनी पाँच महीने की हुकूमत में अवध को अंगेज़ों के प्रभाव से लगभग मुक्त कर दिया था। लेफ़्टिनेंट ने उसे आदमी नहीं, भूत बताया, क्योंकि वह इन लोगों की पकड़ में नहीं आ रहा था।
प्रश्न 3. पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए ।
उत्तर- पाठ का नाम- कारतूस
लेखक का नाम- हबीब तनवीर
II. कर्नल अपने जानिसारों समेत आजमगढ़ की तरफ़ भाग गया। आजमगढ़ के हुक्मरां ने उन लोगों को अपनी हिफ़ाज़त में घागरा तक पहुँचा दिया। अब ये कारवाँ इन जंगलों में कई साल से भटक रहा है ।
लेफ़्टिनेंट - मगर वजीर अली की स्कीम क्या है ?
कर्नल- स्कीम ये है कि किसी तरह नेपाल पहुँच जाए।अफ़गानी हमले का इंतजार करे, अपनी ताकत बढ़ाए सआदत अली को से हटाकर खुद अवध पर कब्ता करे और अंग्रेजों को हिंदुस्तान से निकाल दे ।
लेफ़्टिनेंट– नेपाल पहुँचना तो कोई ऐसा मुश्किल नहीं, मुमकिन है कि पहुँच गया हो। कर्नल- हमारी फ़ौजें और नवाब सआदत अली खाँ के सिपाही बड़ी सख्ती से उसका पीछा कर रहे हैं । हमें अच्छी तरह मालूम है कि वो इन्हीं जंगलों में है । ( एक सिपाही तेजी से दाखिल होता है )
प्रश्न1. 'जानिसार' शब्द किनके लिए प्रयुक्त हुआ है ? आजमगढ़ के हुक्मरों ने क्या सहायता की ?
उत्तर- 'जानिसार' शब्द का प्रयोग लेखक ने उन बहादुर वीरों के लिए किया है, जो देश के लिए प्राणों का बलिदान करने में तनिक नहीं हटते । इन्हें अपनी जान की परवाह नहीं होती ।
प्रश्न2. वजीर अली की स्कीम क्या थी ?
उत्तर- वज़ीर अली की स्कीम यह थी कि किसी तरह वह नेपाल पहुँच जाए, अफ़गानी हमले का इंतजार करे, अपनी ताकत बढ़ाए, सआदत अली को उसके पद से हटाकर खुद अवध पर कब्ता करे और अंग्रेजों को हिंदुस्तान से बाहर निकाल दे।
कर्नल - पूरी एक फ़ौज लिए उसका पीछा कर रहा हूँ और बरसों से वो हमारी आँखों में धूल झोंक रहा है और इन्हीं जंगलों में फिर रहा है और हाथ नहीं आता । उसके साथ चंद जाँबाज हैं। मुट्ठी भर आदमी मगर ये दमखम है।
लेफ़्टीनेंट - सुना है वजीर अली जाती तौर से भी बहुत बहादुर आदमी है ।
कर्नल- बहादुर न होता तो यूँ कंपनी के वकील को कत्ल कर देता ?
लेफ़्टीनेंट- ये कत्ल का क्या किस्सा हुआ था कर्नल ?
किस्सा क्या हुआ था उसको उसके पद से हटाने के बाद हमने वजीर अली को बनारस पहुँचा दिया और तीन लाख रुपया सालाना मुकर्रर कर दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने उसे कलकत्ता ( कोलकाता ) तलब किया। वजीर अली कंपनी के वकील के पास गया जो बनारस में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता में क्यूँ तलब करता है । वकील ने शिकायत की परवाह नहीं की उलटा उसे बुरा-भला सुना दिया। वजीर अली के तो दिल में यूँ भी अंग्रेजों के खिलाफ़ नफ़रत कूट-कूटकर भरी है उसने खंजर से वकील का तमाम कर दिया।
प्रश्न1. वजीर अली कौन था ? उसे किसने बनारस पहुँचाया ?
उत्तर- अवध का शासक वज़ीर अली था । अंग्रेज अफ़सरों ने उसे शासक के पद से हटाकर बनारस पहुँचाया था ।
प्रश्न 2. वजीर अली ने वकील की हत्या क्यों की ?
उत्तर- जब वजीर अली गर्वनर जनरल के बुलाने पर कलकत्ता आया तो उसने वकील से उसे वहाँ बुलवाने का कारण पूछा। वकौल ने उसको बात की परवाह न करके बल्कि उसे खरी-खोटी सुनानेमें लगा। इस पर वजीर अली गुस्से में आपे से बाहर हो गया और उसने वकील को हत्या कर दी ।
प्रश्न 3. पद से हटाए जाने के बदले में वजीर अली को क्या दिया गया ?
IV. कर्नल- मैंने भी यह सुन रखा है । आप क्या चाहते हैं ?
सवार - चंद कारतूस
कर्नल - किसलिए ?
सवार- वजीर अली को गिरफ्तार करने के लिए ।
कर्नल- ये लो दस कारतूस
सवार- ( मुसकराते हुए ) शुक्रिया ।
कर्नल - आपका नाम ?
सवार - वजीर अली । आपने मुझे कारतूस दिए इसलिए आपकी जान बख्शी करता हूँ । ( ये कहकर बाहर चला जाता है, टापों का शोर सुनाई देता है । कर्नल एक सन्नाटे में है । हक्का-बक्का खड़ा है कि लेफ्टीनेंट अंदर आता है।)
लेफ्टीनेंट- कौन था ?
कर्नल - ( दबी जबान से अपने आप से कहता है ) एक जांबाज़ सिपाही।
प्रश्न 1. सवार कौन था ? वह कर्नल के पास क्यों आया था ?
उत्तर- सवार वास्तव में स्वयं वजीर अला था जिसे अंग्रेज सरकार दृढ़ रहा था। मगर कर्नल ने उसे एक घुड़सवार समझा । उसने कर्नल से दस कारतूस माँगे ।
प्रश्न 2. कर्नल के हक्क-बक्का होने का क्या कारण था ?
उत्तर- कर्नल के पास जब सवार कारतूस माँगने आया तो उसने कारण पूछा । सवार ने कहा कि वह वजीर गिरफ़्तार करने के लिए कारतूस माँग रहा है। लेकिन जब कर्नल ने सवार से उसका नाम पूछा तो उसने वजीर अली बताया । यह सुनते ही कर्नल हक्का-बक्का रह गया क्योंकि जिस वजीर अली को वह तलाश रहा था , वह उसके सामने आया और वह पहचान नहीं पाया ।
V. लेफ्टीनेंट- कर्नल कालिंज ये सआदत अली कौन है ?
कर्नल - आसिफउद्दौला का भाई है। वज़ीर अली और उसका दुश्मन। असल में नवाब आसिफउद्दौलाके यहाँ लड़के की कोई उम्मीद नहीं थी। वज़ीर अली की पैदाइश को सआदत अली ने अपनी मौत खयाल किया।
प्रश्न 1. सआदत अली कौन था ? उसकी क्या इच्छा थी ?
उत्तर- सआदत अली आसिफ़उद्दौला का भाई था जो कि वज़ीर अली का पिता था। वजीर अली के पैदा होने से पहले आसिफ़उद्दौला क कोई औलाद नहीं थी इसलिए सआदत अली नवाब बनने की उम्मीद और इच्छा रखता था।
प्रश्न 2. वजीर अली के पैदा होने से सआदत अली को क्या हानि हुई ?
उत्तर- जब वज़ीर अली पैदा हुआ तो सआदत अली को अपनी उम्मीद टूटती नज़र आई क्योंकि अब तो आसिफ़उद्दौला का बेटा ही नवाब बनेगा । इसलिए वजीर अली की पैदाइश पर उसकी नवाब बनने की उम्मीद का टूटना ही उसकी हानि थी ।
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