HINDI NCERT SOLUTIONS CLASS 8, 9,10 SPARSH
निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न क)- गाँव में आस्था का प्रतीक ठाकुरबारी लोगों के अविश्वास का केंद्र बन गई है।
-धन-संपत्ति के लालच में क्या अन्याय में साझीदार बनते हैं महंत व पुजारी ?
-उनके इस लालची रवैये से बचने के उपाय सुझाए ।
उत्तर- ठाकुरबारी सदृश संस्थाओं का यह दायित्व है कि वह समाज में व्याप्त स्वार्थ की भावना को दूर कर जन - जन में परोपकार का भाव जगाए ।
- पर 'हरिहर काका' जैसे लोगों के साथ उनकी आस्था और विश्वास के साथ दुर्व्यवहार करके, धोखा और विश्वासघात करके, उन्होंने यह दिखाया कि बदलते समय और समाज के साथ धार्मिक संस्थाएँ भी भ्रष्ट होती जा रही हैं। एक तरह से वे भ्रष्टाचार का अड्डे बन गई हैं।
-लोभ-लालच और षड्यंत्रों में फंसे महंत व पुजारी धार्मिक संस्थाओं य समाज का आदर्श नहीं हो सकते ।
-एक लाचार असहाय, दुखी बुजुर्ग को ज़बरन उठाना, उसकी जमीन-जायदाद को हड़पने का प्रयास करना, मारना-पीटना, वंदी बनाना महंत व पुजारियों द्वारा किए गए ऐसे कुकृत्य थे जो धार्मिक संस्थाओं से लोगों के विश्वास को डगमगाने के लिए पर्याप्त है ।
- इन धार्मिक संस्थाओं में फैले लोभ-लालच को दूर करने के उपाय ढूँढ़ने की जरूरत है, ताकि 'हरिहर काका' की तरह फिर कोई व्यक्ति इनके जाल में न फँसे ।
-इसके लिए शिक्षा के प्रचार की आवश्यकता है।
-शिक्षित व्यक्ति अंधविश्वास और धोखे की संभावना के प्रति जागरूक रहता है।
-चोरी -ठगी, धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कड़े कानून बनाने की आवश्यकता है ।
ख) हमारे समाज में एक महंत या पुजारी से क्या-क्या उम्मीदें लगाई जाती हैं ? 'हरिहर काका' कहानी को ध्यान में रखते हुए उत्तर दीजिए।
उत्तर - समाज को एक महंत या पुजारी से बहुत-सी उम्मीदें होती है कि वह समाज के लोगों में सामाजिक समरसता, उनमें सद्भावना, भक्ति-भावना पैदा करे या जगाए तथा धर्म से दूर जा हो रहे या धर्म से मुख मोड़ रहे लोगों को वापस रास्ते पर लाएँ ।
-धार्मिक स्तर पर ही सही एक महंत का स्थान समाज के लोगों के लिए 'गुरु' तथा 'पिता' के समान होता है, जो अपने शिष्यों तथा संतानों की हित-साधना में संलग्न रहता है और ध्यान रखता है कि वे किसी कुमार्ग पर न चल पड़ें ।
-उक्त कहानी के आधार पर देखा जाए तो यहाँ मठों, मंदिरों और ठाकुरबारियों के महंत तथा पुजारी निहायत ही घृणित, दुराचारी और पापी प्रतीत होते हैं ।
- महंत लालचवश अपनी उच्चाकांक्षाओं को बढ़ावा देते हैं और किसी भी तरह अपनी धन-संपत्ति को बढ़ाना चाहते हैं ।
-इसके लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। वे हर तरह के हथकंडे अपनाते हुए नीचता की किसी भी सीमा तक पहुँच जाते हैं ।
-चोरी, डाका और अपहरण का सहारा लेना तो मामूली बात है, अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए वे हत्या तक कर सकते हैं या करवा सकते हैं ।
-संभवतः सभी महंत उक्त कहानी के पात्र महंत जैसे न होते हों , किंतु एक महंत का चरित्र अन्य महंतों के प्रति भी अविश्वास और संदेह उत्पन्न कर देता है ।
-यह कहानी समाज के प्रति महंतों और धर्मगुरुओं के कर्तव्यों को स्पष्ट करती है तथा कुछ पथभ्रष्ट महंतों को शिक्षा देती है कि वे ईमानदारी से समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वाह करें ।
ग) ' हरिहर काका ' कहानी हमें समाज के कई पहलुओं की ओर ध्यान देने को बाध्य करती है।
' हरिहर काका' जैसे ही किसी व्यक्ति को क्या अपने आस-पास देखा है ?
यदि देखा है तो उनकी मदद आप किस प्रकार करेंगे ? अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तर- हरिहर काका कहानी में धार्मिक अंधविश्वास की झलक मिलती है ।
-यह कहानी पारिवारिक रिश्तों की यांत्रिकता व संवेदनहीनता की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करती है ।
-कहानी हमारे टूटते हुए मूल्यों व जनतिकता का परिचय देती है ।
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