HINDI BLOG : हरिहर काका- संचयन CLASS 10 EXTRA QUESTIONS PART-1

कहानी 'आप जीत सकते हैं'

'आप जीत सकते हैं एक भिखारी पेंसिलों से भरा कटोरा लेकर ट्रेन स्टेशन पर बैठा था। एक युवा कार्यकारी अधिकारी वहाँ से गुजरा और उसने कटोरे में...

Tuesday, 8 June 2021

हरिहर काका- संचयन CLASS 10 EXTRA QUESTIONS PART-1

हरिहर काका -लघु उत्तरीय  प्रश्न 

प्रश्न1- हरिहर काका पाठ से आपको क्या सीख मिलती है ?

उत्तर- यह पाठ पारिवारिक संबंधों में भ्रातृभाव को नकारते हुए पाँव पसारती जा रही स्वार्थ-लिप्सा पर आधारित है।

 -इस पाठ में धर्म की आड़ में फलने-फूलने का अवसर पा रही हिंसावृत्ति को बेनकाब किया है।

-पाठ में आज के ग्रामीण जीवन का ही नहीं, बल्कि शहरी जीवन की यथार्थता को भी उजागर करता है। 

-इससे हमें यह सीख मिलती है कि आज के समय में धन का महत्त्व सर्वोपरि है। 

-धन-प्राप्ति के लिए इंसान किसी भी हद तक नीचे गिर सकता है। 

2. गाँव में ठाकुरबारी की अहमियत थी, उससे आपमें कौन-से मानवीय गुण विकसित होते हैं ?

उत्तर- गाँव के लोग कुमार्ग पर न चलें , इसके लिए गाँव में एक ठाकुरवारी की स्थापना की गई थी, जिससे कि गाँववाले आध्यात्मिकता से जुड़ें । 

-गाँववालों की ठाकुरवारी के प्रति अपार बदा थी । 

-इसलिए सभी अपना प्रत्येक कार्य ठाकुर जी की मनौती मानकर ही करते थे । 

-इससे हमारे अंदर गुण विकसित होते हैं कि कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए ।

 3.  'हरिहर काका' पाठ से आज की युवा पीढ़ी को क्या प्रेरणा लेनी चाहिए ?

 उत्तर-' हरिहर काका ' पाठ से आज की युवा पीढ़ी को यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि अगर हरिहर काका की तरह कोई व्यक्ति जमीन का मालिक है, धनी है, तो उसे स्वार्थ के धरातल से उठकर अपनी जमीन तया संपत्ति को सत्कर्मो तथा परोपकार में लगा देना चाहिए । 

ऐसा करने से उसका सारा जीवन आनंद से बीतता है और उसका लोक-परलोक दोनों सार्थक हो जाते हैं ।

 4. इस पाठ के माध्यम से लेखक कौन-सी सामाजिक प्रवृत्तियों को बताना चाहते हैं ?

 उत्तर- इस पाठ के माध्यम से लेखक आज के पारिवारिक संबंधों में भ्रातृभाव,

  •  रिश्तों की अहमियत, 
  • रिश्तों की गरमाहट के भावों को नकारती हुई तथा पाँव पसारती हुई स्वार्थ-लिप्सा और धर्म की आड़ में फलने-फूलने का अवसर पा रही हिंसात्मक प्रवृत्ति को उजागर करना चाहते हैं ।

5-'हरिहर काका' पाठ के आधार पर लिखिए कि 'स्वार्थ-लिप्सा' के कारण आजकल पारिवारिक संबंध कैसे बनते-बिगड़ते हैं ? 

उत्तर- ' स्वार्थ - लिप्सा ' के कारण आजकल पारिवारिक संबंध बिगड़ रहे हैं क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति स्वार्थी हो गया है , जिससे घर की शांति भंग हो गई है । 

-बुजुर्ग उपेक्षा भरा जीवन जी रहे हैं । 

-हर व्यक्ति अधिक-से-अधिक धन कमाने की होड़ में लगा हुआ है, चाहे इसके लिए उसे गलत तरीके ही क्यों न अपनाने पड़ें । 

-हर व्यक्ति अपना स्वार्थ पूरा करना चाहता है, उसे दूसरे की कोई परवाह नहीं है । 

-आज धन सर्वोपरि समझा जाने लगा है । इसी कारण पारस्परिक संबंधों में बदलाव आ गया है

6- किन परिस्थितियों या कारणों से हरिहर काका के  सगे भाई उनसे पहले जैसा व्यवहार नहीं करते थे ?

 उत्तर-ऐसे कई कारण थे जिस वजह से हरिहर काका के साथ उनके सगे भाइयों का व्यवहार, क्योंकि उन्होंने जीते - जी अपनी 15 बीघे जमीन उन सभी के नाम करने से इंकार कर दिया था और ऐसा करने से ही उनके सगे भाइयों ने उनपर बहुत जुल्म और अत्याचार किए ।

 7- 'हरिहर काका' गाँव में चर्चाओं के केंद्र हैं बन गए थे।' हरिहर काका के विषय में ऐसी किन्हीं चार चर्चाओं/ खबरों का उल्लेख कीजिए ।

 उत्तर- हरिहर काका आँगन , खेत , खलिहान , बाग - बगीचे , गाँव की हर जगह चर्चा का केंद्र हैंI

(I) उनकी 15 बीघे ज़मीन पर किसका हक होगा ।

(ii) उनके भाइयों को उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए ।

(iii) हरिहर काका को अपनी ज़मीन स्वयं ही अपने भाइयों को दे देनी चाहिए ।

(iv) हरिहर काका को ज़मीन ठाकुर जी के नाम लिख देनी चाहिए ।

8- क्या कारण थे कि लेखक के मन में हरिहर काका के प्रति विशेष आसक्ति थी ?

उत्तर- हरिहर काका और लेखक दोनों एक ही गाँव के निवासी थे । दोनों के बीच आत्मीय संबंध थे।  

लेखक गाँव के जिन कुछ लोगों का  सम्मान करता था और हरिहर काका उनमें से एक थे । 

उनके प्रति लेखक के मन में सम्मान के जो व्यावहारिक और वैचारिक कारण हैं, उनके लिए निम्नलिखित बातें आधार थीं-

( क ) हरिहर काका उनके पड़ोसी थे ।

( ख ) लेखक की माँ के अनुसार हरिहर काका ने उसे ( लेखक को ) बचपन में बहुत प्यार किया था 

 ( ग) लेखक के बड़े होने पर उसकी पहली दोस्ती हरिहर काका के साथ ही हुई थी । दोनों आपस में बहुत ही खुल कर बातें करते थे ।

9- महंत जी ने हरिहर काका को एकांत कमरे में बैठाकर प्रेम से क्या समझाया ?

उत्तर- परिवारवालों पर क्रोधित हरिहर काका को महंत जी ने यह कहते हुए समझाया कि यहाँ कोई भी किसी का नहीं है। 

-सब माया का बंधन है । पत्नी, बेटे, भाई-बंधु सब स्वार्थी हैं । 

-तुम्हारे हिस्से में पंद्रह बीघे खेत हैं, इसलिए वे तुम्हें रखे हुए हैं । 

-यदि तुम उन्हें ये खेत न देकर किसी दूसरे को दे दोगे, तो ये खून के संबंध समाप्त हो जाएंगे । 

-तुम ये खेत ठाकुर के नाम लिख दोगे, तो तुम्हें बैकुंठ मिलेगा । 

-तीनों लोकों में तुम्हारी कीर्ति जगमगा उठेगी । जब तक सूरज-चाँद रहेंगे, तुम्हारा नाम रहेगा । 

-सभी तुम्हारा यशोगान करेंगे और तुम्हारा जीवन सार्थक हो जाएगा ।


No comments:

Post a Comment

If you have any doubt let me know.