भरपेट खाना खाकर शेख सेठ से बोला, " बढ़िया खाने के लिए शुक्रिया ! अब मुझे चलने की इजाजत दीजिए।"
"अजी ! आप यहाँ से जाकर क्या करेंगे ? आप तो यहीं रहकर मुझे अपनी मेहमाननवाजी करने का मौका दीजिए।"
'लेकिन मियाँ , हमें समझ में नहीं आ रहा, तुम मुझे अपने साथ क्यों रखना चाहते हो ? मेरे साथ रहकर तुम्हें तकलीफ ही होगी।'
'अरे , कैसी बातें करते हैं आप ? कृपा करके मुझसे इस तरह बात मत करिए । अब आपको मेरे साथ ही रहना है । मैं एक फिल्म बना रहा हूँ और आपको अपनी फिल्म का डायरेक्टर बनाना चाहता हूँ ।'
"क्या कह रहे हैं आप ? मैं तो कुछ समझ ही नहीं पा रहा हूँ ।" शेखचिल्ली हैरत के साथ बोला ।"
'जल्दी ही आपको सब कुछ समझ में आ जाएगा । जल्दी ही आपका नाम मुल्क के हर बच्चे की जुबान पर होगा ।'
अगले दिन फिल्म के संबंध में सारी सूचना अखबारों में छप गई ।
अब तो शेख शहर का ही नहीं बल्कि पूरे देश का जाना-माना नाम बन गया । फिर तो मोटे सेठ ने उसे फिल्म का डायरेक्टर ही नहीं बल्कि हीरो भी बना दिया ।
कुछ ही दिनों में फिल्म का मुहूर्त हुआ । इस मौके पर शेख को कार पर स्टूडियो ले जाया गया ।
कैमरे के सामने ले जाने से पहले शेख का मेकअप किया जाना था । बेचारा शेख यह सब देखकर हक्का-बक्का था। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था ।
उसने किसी तरह हिम्मत करके सेठ से पूछा , “ यहाँ यह सब क्या हो रहा है ? " " मेरे मालिक, आज फिल्म का मुहूर्त है। आज आपको कैमरे के सामने अपनी अदाकारी दिखानी है।" सेठ शेख से बोला।
शेख को तब भी कुछ समझ में नहींआया ।
तभी एक आदमी भागता हुआ वहाँ आया और उससे बोला , “ हुजूर , मेकअपमैन तैयार है ।"
बेचारा शेख मेकअपमैन का नाम तो पहली बार ही सुन रहा था । उसने सोचा कि उसकी जगह पर मेकअपमैन को फिल्म का हीरो बना दिया गया है।
यह ख्याल आते ही उसे गुस्सा आ गया। हीरो बनने की उसकी तमन्ना मटियामेट हुई जा रही थी।
वह गुस्से से बोला, “ तुम लोगों की अक्ल पर मुझे तरस आता है। अगर किसी बेवकूफ को ही हीरो बनाना था तो मुझे यहाँ बुलाने की क्या जरूरत थी ?"
उधर मोटे सेठ ने सोचा कि शेख को किसी कारण से मेकअपमैन पर गुस्सा आ गया है ।
उसने शेख का गुस्सा ठंडा करने के लिए उसी वक्त मेकअपमैन को नौकरी से निकाल दिया।
साथ ही उसने शेख का मेकअप करने की जिद भी छोड़ दी। फिर शेख को सेट पर ले जाया गया ।
शेख के आते सेट पर मौजूद सभी लोग तालियाँ बजाने लगे।
तभी सेठ चिल्लाया , "लाइट , कैमरा !" उसी समय फिल्म की हीरोइन वहाँ आ पहुँची।
मैडम बुलबुल बहुत ही चंचल, चुलबुली और बुलबुल की तरह बोलने वाली थी । वह सीधे शेख के पास पहुँचकर उसे प्यार से निहारने लगी।
तभी सेठ चिल्लाया , “एक्शन ! " इतना सुनते ही वह शेख की तरफ बढ़ी। उसे इस तरह अपनी ओर बढ़ते देखकर शेख घबरा गया ।
वह चिल्लाया , “तुम्हारे पास शर्म नाम की कोई चीज है भी या नहीं ?
तुम एक भारतीय नारी हो और इस तरह की हरकतें तुम्हें शोभा नहीं देतीं ।"
बुलबुल आगे बढ़ती हुई बोली , “ मेरे सरताज , मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती ।
यह सुनते ही शेख आगबबूला होकर चिल्लाया, “ चली जाओ यहाँ से नहीं तो मैं पागल हो जाऊँगा '
मैडम बुलबुल रोते हुए बोली , “ आज तो तुम मेरा प्यार ठुकरा रहे हो, लेकिन देखना , कल तुम पछताओगे ।'
उसकी बात सुनकर शेख घबरा गया और सेट से कूदकर भागा।
जैसे ही वह नीचे कूदा, उसके चारों ओर खड़े लोग चिल्लाने लगे , “वाह ! क्या शाट दिया है ? "
यह सुनकर शेख ने सोचा कि लोग उसे पीटने के लिए रहे हैं।
यह सोचकर वह तेजी से रेलवे स्टेशन भाग खड़ा हुआ।
वहाँ उसे जो भी ट्रेन पहले दिखाई दी , वह उस पर बिना टिकट जा बैठा और मुंबई से भाग निकला।
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