Top Best Famous Moral Stories In Hindi
1. सबसे बड़ा मूर्ख
एक बहुत धनी व्यापारी था । उसमें बहुत धन-संपत्ति इकट्ठे कर रखी थी ।
उसका एक नौकर था शंभू जो अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा गरीबों की मदद में खर्च कर देता था।
व्यापारी रोज उसे धन बचाने की शिक्षा देता लेकिन शंभू पर कोई असर नहीं होता था।
इससे तंग आकर एक दिन व्यापारी ने शंभू को एक डंडा दिया और कहा कि जब तुम्हें अपने से भी बड़ा कोई मूर्ख मिले तो इस डंडे को उसे दे देना।
इसके बाद व्यापारी अक्सर उससे पूछता, क्या तुम्हें तुम से बड़ा मूर्ख मिला। शंभू विनम्रता से इंकार कर देता। एक दिन व्यापारी बहुत बीमार हो गया।
धीरे-धीरे उसका रोग बढ़ता चला गया। उसका रोज इतना बड़ा कि वह मरणासन्न स्थिति में पहुँच गया।
अपने अंतिम समय में उसने शंभू को अपने पास बुलाया और कहा, "अब मैं इस संसार को छोड़कर जाने वाला हूँ।" शंभू ने व्यापारी से कहा, "मालिक मुझे भी अपने साथ ले चलिए।"
व्यापारी ने प्यार से हुए डाँटते कहा, "वहाँ कोई किसी के साथ नहीं जाता।"
शंभू ने फिर कहा, "आप धन दौलत सुख-सुविधा के सामान जरूर ले जाइए और आराम से वहाँ रहिएगा।"
व्यापारी ने शंभू से कहा, "पगले! कुछ भी लेकर नहीं जाया जा सकता। सबको अकेले और खाली हाथ ही जाना पड़ता है।"
इस पर शंभू बोला," मालिक! तब तो यह डंडा आप ही रखिए क्योंकि मुझे सबसे बड़ा मूर्ख तो आप ही दिखे।
जब कुछ लेकर जाया नहीं जा सकता तो ने बेकार ही पूरा जीवन धन-दौलत और सुख-सुविधाओं को एकत्र करने में नष्ट कर दिया।
न तो दान-पुण्य किया, न ही भगवान का भजन। इस झंडे के असली हकदार तो आप ही हैं ।"
2 पटेल की कर्तव्यनिष्ठा
सरदार वल्लभभाई पटेल अदालत में एक मुकदमे की पैरवी कर रहे थे। मामला बहुत ही गंभीर था।
थोड़ी-सी लापरवाही भी उनके क्लाइंट को फांसी की सजा दिला सकती थी।
सरदार पटेल जज के सामने तर्क दे रहे थे। एक व्यक्ति ने आकर उन्हें एक कागज थमाया। सरदार पटेल ने उस कागज को पढ़ा।
एक क्षण के लिए उनका चेहरा गंभीर हो गया लेकिन फिर उन्होंने उस कागज को मोड़कर जेब में रख लिया।
मुकदमे की कार्यवाई समाप्त हुई।
सरदार पटेल के प्रभावशाली तर्कों से उनके क्लाइंट की जीत हुई। अलग से निकलते समय उनके एक साथी वकील ने पटेल जी से पूछा, पत्र में क्या लिखा था?
तब सरदार पटेल ने बताया कि वह मेरी पत्नी की मृत्यु की सूचना का तार था। साथी वकील ने आश्चर्य से कहा कि इतनी बड़ी घटना घट गई और आप बहस करते रहे।
सरदार पटेल ने उत्तर दिया, "उस समय मैं अपना कर्तव्य पूरा कर रहा था।
मेरे क्लाइंट का जीवन मेरी बहस पर निर्भर था। मेरी थोड़ी सी अधीरता उसे फांसी के तख्ते पर पहुँचा सकती थी।
मैं उसे कैसे छोड़ सकता था? पत्नी तो जा ही चुकी थी।
क्लाइंट को कैसे जाने देता?"
ऐसे दृढ़ चरित्र व चरित्रनिष्ठा के कारण वह लौहपुरुष कहे जाते हैं ।
3 तिनके का महत्त्व
कोमल हरी भरी घास से भरा एक मैदान था। हरी घास के बीच में एक सूखा तिनका भी पड़ा हुआ था।
घास ने तिनके को देखकर हंसते हुए कहा," हरी-भरी कोमल घास के बीच में तुम क्या कर रहे हो?
तुम तो सूखे और मुरझाए हुए हो। न तो तुम दिखने में सुंदर हो, न ही किसी काम के ही हो ।
तुम्हारा तो जीवन ही व्यर्थ है।" घास की बात सुनकर तिनके को बहुत दुख हुआ उसने सोचा " सच ही तो है। मैं सचमुच किसी काम का नहीं हूं।"
तभी तेज हवा चलने लगी। हवा के जोर से घास जोर- जोर से हिलने लगी ।
घास में पड़ा सूखा तिनका तेज हवा से उड़कर पास की पानी की खुली टंकी में जा गिरा। उस टंकी के पानी में बड़ी देर से एक चींटी मृत्यु से संघर्ष कर रही थी।
तिनका जैसे ही उसके पास पहुँचा बहुत जल्दी से तिनके पर चढ़ गई। बहते-बहते तिनका टंकी के किनारे पहुँच गया । चींटी टंकी की दीवार पर चढ़कर बाहर निकल गई।
बाहर पहुँच कर उसने तिनके को धन्यवाद दिया।
तिनका बोला," धन्यवाद तो मुझे तुम्हारा करना चाहिए। तुम्हारे कारण आज मुझे अपना महत्त्व पता चल गया।
मुझे आज ही पता चला इस धरती पर मौजूद हर वस्तु का अपना ही महत्व है।"
कहानी 1- इंसान इस दुनिया में खाली हाथ ही आत। होर खाली हाथ ही इस दुनिया से चला जाता है। मनुष्य के जीवन का उद्यश्य दूसरो की मदद करना व इंसानियत के धरम का पालन करना होना चाइए।
ReplyDeleteकहानी2- हमें हर तरह की परिस्थिति में सायम और ध्रय से काम लेना चाहिए व जो हो चुका है उसके बारे में ज्यादा ना सोचकर जो होने वाला ।जउस पर ध्यान देना चाहिए बीता हुए समय वापस नहीं आ सकता इसलिए उस पर दुखी होने की बजाए हम आने वाले समय में जो होने वाला उस कार्य को सक्षम करने प्रयास करना चाहिए
कहानी3- ईश्वर निर्माणित इस संसार में हर एक चीज का कोई ना कोई महत्व ज़रूर है। इस दुनिया में हर चीज होने विशेष कारण अवश्य है इसीलिए अपने आप को कभी व्यर्थ नहीं समझना चाहिए आपको अपनी काबिलियत। का एहसास सही समय और सही जगह पर अवश्य होगा इसीलिए कभी अपनी काबिलियत पर शक करके हम निराश नहीं होना चाहिए।
समीक्षा सिंह