काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न
1. पद (रैदास)
I 'अब कैसे छूटे' राम नाम रट लागी।
प्रभु जी तुम चन्दन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी ।।
प्रभु जो तुम धन बन हम मोरा, जैसे चितवन चन्द-चकोरा प्रभु जी।
प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती ॥
प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।
प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा ।।
1. 'जैसे चितवन चन्द चकोरा' पंक्ति का आशय है-
(i) चाँद आसमान की ओर टकटकी लगा देखता रहता है।
(ii) आसमान में चारों दिशाओं में चकोर दिखाई देता है।
(iii) चकोर पक्षी चन्द्रमा की ओर टकटकी लगाए देखता रहता है।
(iv) मोर-चकोर दोनों बादलों की ओर देखते हैं।
उत्तर-(iii) चकोर पक्षी चन्द्रमा की ओर टकटकी लगाए देखता रहता है।
2. कवि को किसकी लगन लग गई है ?
(i) ईश्वर को
(ii) संतान को
(iii) पढ़ाई की
(iv) संसार की
उत्तर-(i) ईश्वर को
3. कवि की भक्ति किस प्रकार की है ?
(i) दास्य भाव
(ii) सख्य भाव
(iii) दैन्य भाव
(iv) विरह भावना से प्रेरित
उत्तर-(i) दास्य भाव
4. यदि प्रभु चन्दन है, तो कवि हैं-
(i) घना वन
(ii) पानी
(iii) वर्षा
(iv) चकोर
उत्तर- (ii) पानी
II. ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करे ।
गरीब निवाजु मुसई मेरा भारी छत्रु धरै ।।
जाकि छोति जगत कठ लागे ता पर तुही ढरे ।
नीचहु ऊँच करै मेरा गोविन्दु काहू ते न डरै ।।
नामदेव, कबीरु, तिलोचन, सधना सैनु तरै।
कहि रविदास सुनहु रे सन्तहु हरिजीउ तै सधै सरै ।।
1. कवि ईश्वर की किस विशेषता से अभिभूत है ?
(i) ईश्वर सर्वव्यापी है।
(ii) ईश्वर अन्तर्यामी है।
(iii) ईश्वर गरीबों पर दया करके उनके है।
(iv) ईश्वर गुणों का भण्डार है।
उत्तर-(iii) ईश्वर गरीबों पर दया करके उनके है।
2. कवि ने 'गरीब निवाजु' किसे कहा है ?
(i) संसार को
(ii) बादलों को
(iii) ईश्वर को
(iv) गरीबों को
उत्तर- (iii) ईश्वर को
3. निम्नलिखित में से कौन-सा सत्य कथन हैं?
(i) अधम व्यक्ति को कोई ऊपर नहीं उठा सकता।
(ii) अधम व्यक्ति को गोविन्द ही ऊपर उठाते हैं।
(iii) अधम व्यक्ति ऊपर नहीं उठ सकता।
(iv) अधम व्यक्ति नीचे ही गिरता है।
उत्तर-(ii) अधम व्यक्ति को गोविन्द ही ऊपर उठाते हैं।
4. 'छोति' के लिए प्रचलित शब्द छॉटिए -
(i) छूने के लिए
(ii) अछूत के लिए
(iii) छुआछूत के लिए
(iv) छूत के लिए
उत्तर- (iii) छुआछूत के लिए
2. दोहे(रहीम)
I. रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।
सुन अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहें कोय।।
एक साधे सब सधै, सब साधे सब जाय
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।।
1.हमें अपनी व्यथा किसके सामने प्रकट नहीं करनी चाहिए ?
(i) पड़ोसी के सामने
(ii) किसी के भी सामने
(iii) परायों के सामने
(iv) अपनों के सामने
उत्तर-(ii) किसी के भी सामने
2.प्रस्तुत दोहों में प्रयुक्त भाषा कौन-सी है ?
(i) भोजपुरी
(ii) मगही
(iii) राजस्थानी
(iii) ब्रजभाषा
उत्तर- (iii) ब्रजभाषा
3.कवि रहीम के अनुसार एक काम को साधने से ही-
(i) सभी काम सध जाते हैं।
(ii) बहुत से काम ठप हो जाते हैं।
(iii) बहुत से काम चलकर रुक जाते हैं।
(iv) बहुत से काम बंद होने लगते हैं।
उत्तर- (i) सभी काम सध जाते हैं।
4.जड़ को सींचने से क्या होता है ?
(i) पेड़ पर लगे सभी फल-फूल तृप्त हो जाते हैं।
(ii) पेड़ की सभी शाखाएँ सूख जाती हैं।
(iii) पेड़ की जड़ गल-सड़ जाती है।
(iv) पेड़ की जड़ तृप्त हो जाती हैं।
उत्तर-(i) पेड़ पर लगे सभी फल-फूल तृप्त हो जाते हैं।
II.रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
रहिमन निज संपति बिना, कोउ न बिपत्ति सहाय।
बिनु पानी ज्यों जलज को, नहिं रवि सके बचाय ।।
1.प्रेम की तुलना कवि ने किससे की है ?
(i) सूत्र से
(ii) रस्सी से
(iii) मन से
(iv) धर्म से
उत्तर-(i) सूत्र से
2. प्रेम की डोर किससे बंधी होती है ?
(i) धोखे से
(ii) विश्वास से
(iii) कपट से
(iv) धर्म से
उत्तर-(ii) विश्वास से
3.दोहे के अनुसार संकटकाल में व्यक्ति का सहायक होता है-
(i) सच्चा मित्र
(ii) अपनी सम्पति
(iii) अपने परिवार के सदस्य
(iv) सभ्य समाज
उत्तर- (ii) अपनी सम्पति
4.कमल की जीवन रक्षा होती है-
(i) जब सरोवर में न हो।
(ii) जब कमल जल से युक्त हो।
(iii) जब तेज धूप निकले।
(iv) जब कमल को जल से बाहर निकाल लिया जाये।
उत्तर- (ii) जब कमल जल से युक्त हो।
III.धन रहीम जल पंक को लघु जिय पिअत अघाय।
उदधि बढ़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय।
बिगरी बात बने नहीं, लाख करौ किन कोय।
रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।।
1.रहीम ने किस जल को उपयोगी कहा है ?
(i) नदी के जल को
(ii) कीचड़ के जल को
(iii) कुएँ के जल को
(iv) सरोवर के जल को
उत्तर- (ii) कीचड़ के जल को
2.समुद्र का जल व्यर्थ क्यों है ?
(i) उसमें ज्वार-भाटा आता है ।
(ii) वह खारा होता है।
(iii) वह विशाल जल राशि का भण्डार होता है।
(iv) सामान्यतः वह आबादी से दूर होता है।
उत्तर- (ii) वह खारा होता है।
3.निम्न में से सही कथन वाला वाक्य है-
(i) बिगड़ी बात सहजता से बन सकती है।
(ii) बिगड़ी बात बनकर भी टूट जाती है।
(iii) जब एक बार बात बिगड़ जाती है तो लाख प्रयत्न करने पर भी नहीं बनती।
(iv) बातें बिगड़कर बनती भी हैं, टूटी भी रहती हैं।
उत्तर- (iii) जब एक बार बात बिगड़ जाती है तो लाख प्रयत्न करने पर भी नहीं बनती।
4.किसको मथने से मक्खन नहीं निकल सकता ?
(i) फटा दूध
(ii) ताजा दूध
(iii) खट्टा दही
(iv) मलाई युक्त दूध
उत्तर-(i) फटा दूध
IV. दौरघ दोहे अर्थ, के आखर धोरे आहिं।
ज्यों रहीम नट कुण्डली, सिमिटि कूदि चढ़ि जाहिं।।
नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।
ते रहीम पशु से अधिक, रीझेहु कछू न देत।।
1.दोहे की क्या विशेषता होती है ?
(i) उसमें छोटे अक्षर व अर्थ बहुत आसान होते हैं।
(ii) उसमें अश्वर कम होते हैं।
(iii) उसका अर्थ गंभीरता लिए होता है।
(iv) उसमें अश्वर कम और अर्थ गंभीरता लिए होता है।
उत्तर- (iv) उसमें अश्वर कम और अर्थ गंभीरता लिए होता है।
2.एकदम से ऊपर कौन व कैसे चढ़ जाता है ?
(i) नट कुण्डली विद्या में कुशल होने के कारण।
(ii) कुण्डली नट विद्या में कुशल होने के कारण।
(iii) नट में कूदकर चढ़ जाने के कारण।
(iv) नट के कुण्डली से बढ़ने के कारण।
उत्तर-(i) नट कुण्डली विद्या में कुशल होने के कारण।
3.मृग किस पर मोहित होकर अपने प्राण दे देता है ?
(i) भजन पर
(ii) गीत पर
(iii) कविता पर
(iv) नाद पर
उत्तर-(iv) नाद पर
4."ते रहीम पशु से अधिक, रोझेहु कद्दू न देत' पंक्ति का अर्थ है-
(i) मनुष्य पशु से अधिक महान है और रहेगा।
(ii) वह पशु के समान रोझकर प्रभावित नहीं होता।
(iii) मनुष्य पशु से भी हीन है जो किसी पर रीझकर भी कुछ नहीं देता।
(iv) मनुष्य का अधिकार है कि वह किसी को कुछ दे।
उत्तर- (iii) मनुष्य पशु से भी हीन है जो किसी पर रीझकर भी कुछ नहीं देता।
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