HINDI BLOG : HINDI NCERT SOLUTIONS CLASS 8, 9,10 SPARSH अनुस्वार, अनुनासिक, विसर्ग,नुक्ता परिभाषा व नियम /ANUSVAR, ANUNASHIK, VISRAG, NUKTA

कहानी 'आप जीत सकते हैं'

'आप जीत सकते हैं एक भिखारी पेंसिलों से भरा कटोरा लेकर ट्रेन स्टेशन पर बैठा था। एक युवा कार्यकारी अधिकारी वहाँ से गुजरा और उसने कटोरे में...

Friday, 14 May 2021

HINDI NCERT SOLUTIONS CLASS 8, 9,10 SPARSH अनुस्वार, अनुनासिक, विसर्ग,नुक्ता परिभाषा व नियम /ANUSVAR, ANUNASHIK, VISRAG, NUKTA

अनुनासिक:

अनुनासिक स्वरों को उच्चारित करते समय वायु मुँह तथा नासिका दोनों से निकलती है। 

* इसका  लिखित चिह्न चंद्रबिंदु है।

जैसे-   

ऊँगली,  काँटा,   पाँव  आदि।

*अनुनासिकता स्वरों का एक गुण है 
*अनुनासिक व्यंजन नहीं है बल्कि स्वर का गुण है।   
*शिरोरेखा के ऊपर मात्रा लगने पर उनमें चंद्रबिंदु की जगह बिंदु का प्रयोग किया जाता है। 

जैसे-

सिंचाई, सींचना, भैंस, घोंसला, रेंगना, धौंस

  

*हिंदी में अनुनासिकता के तीन रूप :

(i) बहुवचन बनाने के लिए :

गुड़िया- गुड़ियाँ


बहू -बहुएँ


तितली-तितलियाँ


नदी - नदियाँ


ii) अर्थ परिवर्तन के संदर्भ में :


सवार-सँवार     


बाट - बाँट


चौक - चौंक


उगल - उँगली


(iii) उच्चारण के संदर्भ में:


हँसी, महँगा, कुँआचाँदलहँगा, लेखकों

                  

    * अनुनासिक के कुछ नियम:

(i)  शिरोरेखा से बाहर मात्राओं का कोई हिस्सा बाहर न होने पर चंद्रबिंदु का

प्रयोग किया जाना चाहिए।  

 जैसे-

गाँव,   ऊँटचाँद  आदि।  


  

(ii) शिरोरेखा के ऊपर अनुनासिक का प्रयोग :

 

कोंपल, में, उन्हें, मैंने, मैं,  हैं, 

 

(iii) अनुनासिक शब्दों का प्रयोग :

अ, आ, उ, ऊ तथा ऋ स्वर के साथ।

जैसे : आँगन, घूँघट, कुँवारा आदि।


अनुस्वार:

जिन स्वरों को उच्चारित करते समय वायु नाक से निकलती है और उस स्वर का उच्चारण ज़ोर से किया जाता है, उसे अनुस्वार कहते हैं।


*अनुस्वार शब्द का अर्थ है -स्वर के बाद आने वाला। इसलिए यह शब्द के मध्य तथा अंत में ही आ सकता है किंतु शुरू में नहीं आ सकता है। इस ध्वनि का अपना कोई निश्चित स्वरूप नहीं होता। इसका उच्चारण इसके आगे आने वाले व्यंजन से प्रभावित होता है। यह जिस व्यंजन के पहले आता है, उसी व्यंजन के वर्ग की नासिक्य ध्वनि के रूप में इसका उच्चारण करते हैं।

* अनुस्वार के स्थान पर बिंदु रूप का प्रयोग होता है।

जैसे: व्यंजन, ग्रंथ आदि।

* अनुस्वार के पश्चात जो व्यंजन आता है, उसी वर्ग का पाँचवा वर्ण अनुस्वार( ं) के रूप में प्रयोग किया जाता है।


* अनुस्वार का स्थान नासिका  है। 

* उच्चारण की दृष्टि से अनुनासिक प्रायः अनुस्वार का ही समकक्ष है। अनुस्वार भी न् या म् के स्थान में होता है और अनुनासिक भी न् या म् के स्थान में  होता है। अंतर केवल इतना ही है कि अनुस्वार का प्रयोग तो साधारण रूप में सर्वत्र होता है परंतु अनुनासिक का प्रयोग उन्हीं संधि-स्थलों में होता है जहाँ म् को य्, व् और ल के परे होने पर पर परसवर्ण होता है। 

*य, र, ल, व (अंतस्थ) और श, ष, स, ह(ऊष्म) के पहले आने पर अनुस्वार का उच्चारण पाँचवें वर्ण में से किसी भी एक वर्ण की तरह हो सकता है। इसका कोई निश्चित नियम नहीं है। 
*जैसे : संसार में 'न्' की तरह, संवाद में 'म्' की तरह और शब्द के अंत में आने पर 'स्वयं' जैसे शब्द में इसका उच्चारण 'म्' की भाँति होता है। 
संस्कृत में अनुस्वार को 'बिंदु' तथा पंचम व्यंजन दोनों से ही लिखने की परंपरा है। 
*अनुनासिक और अनुस्वार का मुख्य अंतर यह है कि अनुनासिक स्वर (Vowel) है तथा अनुस्वार मूल रूप से व्यंजन (Consonant )है। इन दोनों के प्रयोग से कहीं-कहीं अर्थ भेद पाया जाता है। 

*हिंदी लेखन को सरल और समान बनाने के लिए अनुस्वार की जगह वर्ण के ऊपर बिंदु लगाकर मानक वर्तनी में स्थान दिया गया है। 

विसर्ग (:) 

* विसर्ग को 'ह्' की तरह उच्चारित किया जाता है। 
जैसे - मनःस्थिति 
जो शब्द उसी रूप में प्रचलित हैं उन्हीं का संस्कृत शब्दों में  विसर्ग के रूप में प्रयोग  होता है । 
जैसे - संभवतः 
बीच के विसर्ग को हिंदी में हटा दिया गया है। 
जैसे- संस्कृत के दुःख शब्द को हिंदी में दुख लिखा जाना स्वीकार कर लिया गया है। 

 नुक्ता :
* अंग्रेज़ी भाषा की तरह उर्दू भाषा से अरबी, फ़ारसी शब्दों का हिंदी में सहजता से प्रयोग किया जाता है। इन शब्दों को उच्चारित करने के लिए व्यंजन के नीचे बिंदु का प्रयोग किया जाता है। व्यंजनों के निचले स्थान पर लगाया जाने वाला यह बिंदु 'नुक्ता' कहलाता हैं। 

अभ्यास कार्य :
1. उचित अनुस्वार चिह्न वाले शब्द चुनिए  -
(i) महंगाई, पत्रिकाएं, सकंलित, संतुलन 
(ii) कंपन, सभांवना, महांमत्री, मडंली 
(iii) संकलित, अंत्यत, पडितं, सयोंग 
(iv) व्यजंन, चंचल, कहां, भातिं 
(v) कुजं, आशकां, अत्यंत, ऊंचाई 
(vi) सांप, वीरांगना, असभंव, चद्रं
(vii) रगं, आंशका, संभावना, कपंन 
(viii) अभिनदंन, काव्यशं, गांव, दंत 
(ix) दडिंत, संगम, कचंन, सचंय 
(x) मयंक, प्रसगं, सारांश, अकं 
(xi) कँस, कंस, बांस, कबंल 
(xii) कँघा, दंभ, दंभ, दँभ 


उत्तर- (i) संतुलन          (ii) कंपन            (iii) संकलित 
         (iv) चंचल           (v) अत्यंत            (vi) वीरांगना
         (vii) संभावना     (viii) दंत              (ix) संगम
              (x) 
सारांश          (xi) कंस              (xii) दंभ

2.उचित अनुनासिक चिह्न वाले शब्द चुनिए  - 
(i) व्यँजन, ऊँचाई, ऊचाँई, मँहगाई 
(ii) रँगाई, पूँछिए, चँचल, प्रतिज्ञाएं 
(iii) सँभव, पत्रिकाएं, कारवाँ, मँडली 
(iv) साँप, कँहा, आखँ, आँक 
(v) मँहगाई, वस्तुँए, बासँ, बाँस 
(vi) दिनाँक, साँस, गँगा, पूछँ 
(vii) पूँजीपति, सासँ, मनोरँजन, सँतुलन  
(viii) सँहार, चौंक, सँग्राम, अत्यँत
(ix) उँट, आगँन, आँगन, अँधकार 
(x) धुँधले, उगँली, सँगम, काव्याँश
(xi) सँवाद, फूँकना, दाँया, गवाँर  
(xii)आवँला, पँचतन्त्र,सँस्मरण, गाँठ  

उत्तर- (i) ऊँचाई          (ii) रँगाई            (iii) कारवाँ
         (iv) साँप             (v) बाँस             (vi) साँस
         (vii) पूँजीपति     (viii)चौंक           (ix)आँगन
          (x) धुँधले            (xi) फूँकना         (xii) गाँठ  

No comments:

Post a Comment

If you have any doubt let me know.