कहानी अमूल्य भेंट
लखीमपुर गाँव में रामदास नाम का एक दरिद्र ब्राह्मण रहता था। वह बड़े कष्ट में जीवन व्यतीत कर रहा था। एक बार गाँव में एक साधु पुरुष कुछ दिनों के लिए पधारे। वह शाम के समय कुटिया के बाहर प्रवचन करते थे। कथा वाचन के दौरान उन्होंने गाँव से बीस कोस दूर स्थित एक मंदिर का उल्लेख किया और बताया कि मंदिर के देवता बड़े जाग्रत हैं और सबकी मनोकामना पूरी करते हैं। रामदास ने मन-ही-मन निश्चय किया कि वह मंदिर में ईश्वर के दर्शन कर उन्हीं से अपना दुखड़ा कहेगा। उसे विश्वास था कि उसकी इच्छा अवश्य पूरी होगी।
ऐसा सोचकर रामदास अगले दिन बीस कोस पैदल चलकर मंदिर पहुँचा। मंदिर में काफ़ी भीड़ थी। रामदास ने सोचा-मैं एकांत में ईश्वर के दर्शन करूँगा और अपने मन की बात कहूँगा। ….....................आगे क्या हुआ............. कहानी को आप आगे बढ़ाएं।
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